अजमेर. जिले के ब्यावर में जीनगर समाज की ओर से खेली जाने वाली कोड़ामार होली को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह रहा. भाभी और देवर के बीच कोड़ामार होली खेली गई. इस दौरान भाभियां कपड़े के कोड़े को रंग से भरे कड़ाव में भिगोकर रख लेती हैं. देवर जब भाभियों को रंग डाल भिगोते हैं, तो बदले में उन पर कोड़े बरसाए जाते हैं.
बताया जाता है कि आजादी से पहले भी ब्यावर में जीनगर समाज की ओर से कोड़ामार होली खेलने की परंपरा रही है. डेढ़ सौ वर्षों से ब्यावर में कोड़ामारहोली खेली जा रही है. जीनगर समाज की महिलाएं आज भी अपनी पुरानी परंपरा को जीवित रखने में पुरुषों का पूरा सहयोग कर रही हैं. परंपरा के अनुसार कोड़ामार होली के आयोजन से पूर्व दोपहर 2 बजे चांग गेट स्थित चारभुजा नाथ मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई.
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शोभायात्रा पाली बाजार एवं मुख्य बाजार से होते हुए मंगल बाजार के सामने पहुंची. जहां समाज की ओर से पानी से 9 कड़ाव भरकर रखे गए. इन कड़ाव में हरा, लाल, गुलाबी, पीला रंग पानी में मिलाया गया. जब चारभुजा मंदिर से शोभायात्रा के यहां पहुंचने पर समाज के पदाधिकारियों की ओर से ठाकुर जी को सभी कड़ाव में स्नान करवाया गया. इसके बाद देवर-भाभी के बीच कोड़ामार होली शुरू हुई.