कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी हैं हाई सिक्योरिटी जेल अजमेर में हैं कैद अजमेर.उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड आज 1 वर्ष पूरे हो गए लेकिन आज भी उस निर्मम हत्याकांड को याद करके शरीर में कांप उठता है. कन्हैया लाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले और उन्हें सहयोग करने वाले 9 आरोपी प्रदेश की सबसे सुरक्षित हाई सिक्योरिटी जेल में कैद हैं. वहीं अजमेर दरगाह की सीढियों से मजहबी भड़काऊ भाषण और सर तन से जुदा जैसे नारे लगाने वाला भी हाई सिक्युरिटी जेल में है.
उदयपुर में 28 जून 2022 को मालदास स्ट्रीट में आतंकी रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने टेलर कन्हैया लाल की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी थी. साथ ही इस बर्बर हत्याकांड का वीडियो भी आतंकियों ने जारी किया था. इस घटना से शहर प्रदेश ही नहीं पूरा देश हिल गया था. इस आतंकी घटना को अंजाम देने और सहयोग करने वाले 9 आरोपी अजमेर की सबसे सुरक्षित हाई सिक्योरिटी जेल में बंद हैं. कन्हैया लाल हत्याकांड को 1 वर्ष बीत चुका है. वहीं दूसरी ओर कन्हैया लाल का परिवार आज भी न्याय की आस लगाए बैठा है. साथ ही कन्हैया लाल की अस्थियां भी मुक्ति का इंतजार कर रही है. हाई सिक्योरिटी जेल में कन्हैया लाल हत्याकांड के गुनाहगार कैद है.
इन सभी आरोपियों को एक दूसरे से अलग रखा गया है. खासकर गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी समेत सभी आरोपी अलग अलग सेल में रखा गया है. हाई सिक्योरिटी जेल में सभी हार्डकोर अपराधियों को 18 घंटे सेल में रहना होता है. ऐसे में कन्हैया लाल हत्याकांड के गुनाहगार भी जेल में अलग अलग सेल में रहकर अपने अंजाम का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी के अलावा शेष सात आरोपी जेल में कुछ घंटे दी जाने वाली छूट के दौरान आपस में मिलते हैं. लेकिन गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी को अन्य आरोपियों से अलग रखा गया है. वहीं यह दोनों भी जेल में आपस मे नहीं मिल पाते हैं.
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आपस में बातचीत के अलावा किसी से बात नहीं करते कन्हैयालाल हत्याकांड के गुनहगार :जेल में कैद कन्हैया लाल हत्याकांड के गुनहगारों का बर्त्ताव अन्य कैदियों की तरह ही सामान्य है. लेकिन कभी कभी गौस मोहम्मद और रियाज अत्तारी का स्वभाव गुमसुम हो जाता है. इसमें गौस मोहम्मद कभी कभी घटना को याद करते हुए बहकी बहकी बातें भी करने लगता है. हालांकि बाद में वह सामान्य भी हो जाता है. जेल में अन्य हार्डकोर अपराधियों की तरह कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी भी समय गुजारने के लिए अखबार मैगजीन या धर्मिक पुस्तकें जेल लाइब्रेरी से मंगाते हैं. कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों में से ज्यादातर अनपढ़ हैं. सेल में अन्य साथी कैदी से वह अखबार या किताब पढ़वा कर सुनते हैं. 18 घण्टे के बाद जब कैदियों को सेल से बाहर जाने की छूट दी जाती है. उस दौरान ये आरोपी आपस में एक दूसरे से बात करते है. परंतु अन्य कैदियों से ये बात नहीं करते. जेल में कैदियों पर सीसीटीवी कैमरे से हमेशा निगरानी रखी जाती है. हालांकि जब आपस में बात करते हैं. जब कभी अंजाम को लेकर चर्चा होती है तब सभी गुमसुम हो जाते हैं.
परिजन आते हैं मिलने :जेल मैनुअल के हिसाब से ही कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों को उनके परिजनों से एसटीडी पर बात करने और मिलने की छूट दी जाती है. गौस मोहम्मद की पत्नी और बहन उ,से मिलने के लिए जेल आती रहती है. इसी तरह रियाज अत्तारी और अन्य आरोपियों के परिजन भी उन लोगों से मिलने आते हैं. जेल में एसटीडी के माध्यम से भी सप्ताह में एक या दो बार परिजनों से उनकी बात करवाई जाती है. सभी नौ आरोपियों के खिलाफ उदयपुर कोर्ट में मामला विचाराधीन है. ऐसे में उनकी ज्यादातर तारीखों पर पेशी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होती है.
ये हैं कन्हैया लाल हत्याकांड के गुनाहगार :कन्हैयालाल हत्याकांड के गुनाहगार नौ लोग हैं. जिनके नाम गौस मोहम्मद पुत्र रफीक, रियाज अत्तारी पुत्र जब्बार, जावेद पुत्र मोहर्रम, मोहसिन पुत्र मुजफ्फर, आसिफ पुत्र मुजफ्फर, वसीम अली पुत्र इमरान, मोहसिन पुत्र इस्लाम, मुस्लिम पुत्र रजा और फरहान पुत्र एजाज शामिल है.
भड़काऊ भाषण और नारे लगाने वाला गोहर चिश्ती भी है जेल में :दरगाह की सीढ़ियों से भड़काऊ भाषण और सर तन से जुदा जैसे नारे लगाने वाला गोहर चिश्ती भी हाई सिक्योरिटी जेल में कैद है. गोहर चिश्ती को कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों से अलग रखा गया है. वहीं जेल मे रहते हुए भी वह कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों से नहीं मिल पाता है. जेल में गोहर चिश्ती का बर्ताव सामान्य कैदियों की तरह ही है. जेल में वह धार्मिक और अन्य पुस्तकें पढ़ता है.
जेलर ने क्या कुछ कहा :हाई सिक्योरिटी जेल के अधीक्षक पारस जांगिड़ बताते हैं कि सामान्य जेल के मुकाबले हाई सिक्योरिटी जेल में ज्यादा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. कन्हैया लाल हत्याकांड के नौ आरोपी जेल में हैं. वह ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करते हैं. जेल मैनुअल के हिसाब से उन्हें पढ़ने के लिए किताबें दी जाती हैं. उन्होंने बताया कि जेल में कैद हार्डकोर अपराधियों से मिलने आने वाले लोगों में केवल खून के रिश्ते यानी माता-पिता भाई-बहन के अलावा और अन्य किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं दी जाती है. उन्होंने बताया कि जेल में हर कैदी पर सीसीटीवी और मैनुअली दोनों तरह से निगरानी और नियंत्रण रखा जाता है. हर कैदी की हरकत और गतिविधि पर निगाह रहती है. कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपियों को अलग-अलग सेल में रखा गया है. भड़काऊ भाषण के मामले में सलमान चिश्ती और गौहर चिश्ती को जेल में बंद थे. बाद में सलमान चिश्ती की जमानत हो गई, जबकि गौहर चिश्ती जेल में ही कैद है.