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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 30, 2023, 6:53 PM IST

Updated : Nov 30, 2023, 11:26 PM IST

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अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला 2023: पशुओं की खरीद-फरोख्त ने तोड़ा 10 साल का रिकॉर्ड, 125 करोड़ का हुआ कारोबार

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला 2023 में लगे पुश मेले में इस बार पशुओं की खरीद-फरोख्त का 10 साल का रिकॉर्ड टूट गया. मेले में करीब 125 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ.

International Pushkar Mela 2023
अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला 2023

पुष्कर मेले में पुशओं की खरीद-फरोख्त का टूटा रिकॉर्ड

अजमेर. विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला 2023 में पशुओं की खरीद-फरोख्त ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. इस दौरान सवा सौ करोड़ रुपए का कारोबार हुआ. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेला विगत 5 वर्षों में काफी बेहतर रहा है. मेले के दौरान बड़ी संख्या में देसी और विदेशी पर्यटकों की भी आवक काफी अच्छी रही. हालांकि इजरायली पर्यटकों की संख्या इस बार युद्ध के कारण काफी कम रही है.

हालांकि अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड, जर्मनी, समेत विभिन्न यूरोपीय देशों के अलावा जापान से भी काफी संख्या में पर्यटक आए हैं. फिलहाल पर्यटन विभाग ने विदेशी पर्यटकों की संख्या के आंकड़े साझा नहीं किए हैं. विभाग के सूत्र बताते हैं कि 3 हजार के करीब विदेशी पर्यटक और 3 लाख के लगभग विदेशी पर्यटक आए. दरअसल देशी-विदेशी पर्यटकों का यह आंकड़ा पुष्कर पशु मेले के कारण रहा है. खास बात यह है कि पुष्कर पशु मेले की अवधि को इस बार चुनाव के मद्देनजर कम किया जा रहा था, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा था. तब कहीं जाकर दीपावली के बाद भाईदूज से एकादशी तक पुष्कर पशु मेला भरा.

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पुष्कर मेला रहता है आकर्षण: पर्यटन की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले की जान पशु मेला रहता है. पुष्कर मेले में हजारों की संख्या में रेगिस्तान के जहाज ऊंट को एक साथ एक ही जगह पर देखने का अनुभव लिया जा सकता है. साथ ही मिट्टी के धोरों पर सतरंगी संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है. मसलन पशुओं के साथ राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से पशुपालक भी आते हैं. खुले आसमान के नीचे पशुओं के साथ उनका रहन-सहन, पहनावा, ज्वेलरी आदि विदेशियों को आकर्षित करती आई है. विगत 5 वर्षों में इस बार देसी विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है. यह संख्या और भी बेहतर हो सकती थी, लेकिन रूस और यूक्रेन एवं इजरायल और फिलिस्तीन की जंग के कारण पर्यटन पर भी इसका असर पड़ा है.

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पशुओं की खरीद-फरोख्त में भी हुआ इजाफा: पुष्कर पशुपालन विभाग के आंकड़े देखें, तो इस बार 8087 पशु मेले में आए. इनमें ऊंट वंश की संख्या 3639, अश्व वंश 4152, गोवंश 102, भैंस वंश 32 का आंकड़ा रहा है. पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ नवीन परिहार ने बताया कि विगत पांच वर्षों में कोरोना, लंपी और ग्लेंडर बीमारियों के कारण मेला प्रभावित रहा है. मगर इस बार मेले में पशुओं की आवक काफी अच्छी रही है.

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उन्होंने बताया कि 88 लाख 10 हजार 650 ऊंट और अश्व पालकों में 7 करोड़ 39 लाख दो हजार 260 का क्रय-विक्रय हुआ है. कुल 8 करोड़ 27 लाख 12 हजार 910 रुपए का व्यापार हुआ है. इसमें विभाग को 10618 रुपए का रवन्ना प्राप्त हुआ है. यह विभाग के आंकड़े थे मगर मेले में अश्व की खरीद-फरोख्त विभाग के आंकड़ों से भी दुगनी और तिगुनी हुई है. डॉ परिहार ने बताया कि मेले में घोड़े की आवक पिछले मेलों की तुलना में अधिक रही है. उन्होंने बताया कि गोवंश और भैंस वंश काफी कम मेले में आता था. इस बार इनकी संख्या भी पहले की तुलना में बढ़ी है.

पर्यटक उद्योग का मिला फायदा: पुष्कर मेले में देशी-विदेशी पर्यटकों की आवक अच्छी होने से पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस, गारमेंट्स, टूर एंड ट्रेवल्स, तीर्थ, पुरोहित और अन्य व्यवसायों को इस बार राहत मिली है. विगत 5 वर्षों से पर्यटन उद्योग से जुड़े कारोबार में गिरावट दर्ज की जा रही थी. मगर इस बार देशी और विदेशी पर्यटकों की आवक अच्छी रहने से मेले में लगभग 100 करोड़ का कारोबार पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यवसाय को हुआ है. पुष्कर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष रघु शर्मा बताते हैं कि कोरोना के बाद गायों में लम्पी और घोड़ों में ग्लेंडर बीमारी के कारण पुष्कर पशु मेला प्रभावित रहा. इसका असर पर्यटकों की आवक पर भी पड़ा.

Last Updated : Nov 30, 2023, 11:26 PM IST

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