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अजमेर: अस्पताल में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर होने के बावजूद ICU वार्ड शुरू नहीं करने पर इंसीडेंट कमांडर ने जताई नाराजगी - नसीराबाद कोरोना मामले

अजमेर के में रविवार को इंसिडेंट कमांडर राकेश गुप्ता ने नसीराबाद कस्बे का दौरा कर जायजा लिया. जहां उन्होंने अस्पताल में दो चिकित्सा कर्मियों के संक्रमित मिलने और कोरोना के संक्रमण के मामलों में इजाफा होते देख राजकीय सामान्य चिकित्सालय का निरीक्षण किया.

ICU ward not started in Nasirabad Hospital
ICU वार्ड शुरू नहीं करने पर इंसीडेंट कमांडर ने जताई नाराजगी

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Published : Apr 25, 2021, 6:01 PM IST

नसीराबाद (अजमेर).जिले के नसीराबाद में रविवार को वीकेंड कर्फ्यू के कारण कस्बे के बाजार सुने नजर आए केवल फल सब्जी के ठेले ही दोपहर 11 बजे तक लगे रहे. वहीं इंसिडेंट कमांडर राकेश गुप्ता ने कस्बे का दौरा कर जायजा लिया. कमांडर राकेश गुप्ता ने अस्पताल में दो चिकित्सा कर्मियों के संक्रमित मिलने और कोरोना के संक्रमण के मामलों में इजाफा होते देख राजकीय सामान्य चिकित्सालय का निरीक्षण किया.

जहां उपखंड अधिकारी राकेश गुप्ता ने कोविड-19 के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का भी जायजा लेने के बाद चिकित्सा प्रभारी डॉ. विनय कपूर को नाराजगी जताते हुए उपखंड अधिकारी राकेश गुप्ता ने चिकित्सा प्रभारी को कहा कि राजकीय सामान्य चिकित्सालय में ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर सहित सभी उपकरण मौजूद होने के बावजूद भी आईसीयू वार्ड शुरू नहीं किए जाने से कोरोना काल में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. जबकि अस्पताल में करीब 27 डॉक्टर पद स्थापित है.

पढ़ें:अजमेर : ऑक्सीजन 24 घंटे रहेगी पुलिस पहरे में, ऑक्सीजन सिलेंडर की बढ़ती मांगों को लेकर लगाया पुलिस का पहरा

इसके बाद कलेक्टर ने आईसीयू वार्ड को शीघ्र शुरू करने के चिकित्सा प्रभारी को निर्देश दिए. उपखंड अधिकारी ने चिकित्सा प्रभारी को अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों के लिए चिकित्सालय क्षमता के 50 फीसदी बेड को कोविड-19 के मरीजों के लिए रिजर्व रखने के निर्देश दिए. इसपर चिकित्सा प्रभारी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वैक्सीनेशन का कार्य नेत्र चिकित्सा वार्ड में कराने को लेकर कवायद शुरू कर दी.

साथ ही सोमवार से वैक्सीनेशन का सभी कार्य नेत्र वार्ड में किया जाएगा. बता दें कि अस्पताल में एक साल से आक्सीजन सयंत्र का काम अधूरा पड़ा है. इसके अलावा 13 वेंटिलेटर भी सालभर से धूल फांक रहे हैं, सभी व्यवस्था सरकार की ओर से करने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन की मनमानी के कारण मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है.

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