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अजमेर: हंगामेदार रहा सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय का छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन समारोह

अजमेर संभाग के सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन समारोह काफी हंगामेदार रहा. समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर सतीश पूनिया के अलावा विशिष्ट अतिथि के तौर पर छात्र संघ पदाधिकारियों के परिजन थे. लेकिन मंच पर पूनिया के साथ सांसद और विधायक आकर बैठ गए. जिससे 20 मिनट तक समारोह में हंगामा होता रहा.

पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय, Prithviraj Chauhan Government College
सतीश पूनिया ने किया उद्घाटन

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Published : Jan 11, 2020, 5:27 PM IST

अजमेर. संभाग के सबसे बड़े सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन समारोह काफी हंगामेदार रहा. हुआ यूं कि समारोह के मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के अलावा विशिष्ट अतिथि के तौर पर छात्र संघ उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव के परिजन थे. ऐसे में पूनिया के साथ सांसद और विधायक मंच पर आकर बैठ गए. जिससे 20 मिनट तक समारोह में हंगामा होता रहा.

छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन समारोह में हंगामा

वहीं, महाविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष विकास गोरा एबीवीपी से और शेष पदाधिकारी एनएसयूआई से हैं. समारोह से पूर्व अध्यक्ष को मुख्य अतिथि और शेष पदाधिकारियों को विशिष्ट अतिथि बुलाने पर सहमति बनी थी. लेकिन छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन समारोह में शुरुआती नजारा कुछ अलग ही रहा. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के मंच पर बैठने के साथ ही सांसद भागीरथ चौधरी अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी और दक्षिण क्षेत्र विधायक अनिता भदेल ने भी मंच पर कुर्सी संभाल ली.

जिसका छात्र संघ के उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव ने विरोध जताया. इतना ही नहीं प्राचार्य मुन्ना लाल अग्रवाल भी मंच से नीचे आकर बैठ गए. वहीं, काफी हंगामे के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने छात्र संघ के पदाधिकारियों के परिजनों को मंच पर बैठने का आग्रह किया जिसके बाद मामला शांत हुआ. हालांकि इस दौरान भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी रहा.

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सतीश पूनिया ने कहा कि छात्रसंघ कार्यालय उद्घाटन समारोह में सरकारी दखल पहले कभी नहीं देखा गया. पूनिया ने कहा कि भारत में लोकतंत्र की जड़ें बहुत मजबूत है. इस दौरान पूनिया ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कॉलेजों के प्राचार्य पर विचित्र तरह का दबाव है, विद्वेष की राजनीति की जा रही है. सवाई माधोपुर और टोंक मैं गया था. जहां कॉलेज प्रशासन ही समारोह से भाग गया और सवाई माधोपुर में भारी तनाव था. पूनिया ने कहा कि कॉलेज कैंपस राजनीति के अखाड़े बन गए हैं.

साथ ही उन्होंने कहा कि 70 फीसदी कॉलेजों में सरकार के विचार के खिलाफ कोई बीज होता है तो वह लोकतंत्र की हामी भरने वाले सरकार को लोकतंत्र की इज्जत करनी चाहिए. कॉलेज कैंपस राजनीति अखाड़ा नहीं बने इस बात की सरकार को चिंता करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत के खिलाफ नारे लगाने वाले किसी भी कॉलेज कैंपस में हो उस शक्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

इस तरह के लोग भारत के लोकतंत्र और भारत की महिमा को कमजोर करते हैं. कांग्रेस की नीयत विपरीत जा रही है उसे सुधार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार किसी की भी हो राजनीति विचारों से चलती है और प्रशासन सरोकारों से चलता है, उन सरोकारों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में शांति रहे इस बात का ध्यान रखना चाहिए. छात्र शक्ति में आपस में टकराव न हो इस बात की सरकार को चिंता करनी चाहिए.

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इधर समारोह में हंगामे को लेकर किए गए सवाल पर प्राचार्य मुन्ना लाल अग्रवाल ने कहा कि डायस पर जो अतिथि आमंत्रित थे. उनके अलावा अन्य अतिथि स्वेच्छा से आकर बैठ गए जिन्हें लेकर विरोध की स्थिति उत्पन्न हुई. अग्रवाल ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का आरोप गलत है जबकि उनकी सरकार में ही 2017-18 में सचिन पायलट को तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष ने बुलाया था.

उन्होंने कहा कि उस वक्त सभी ने स्थानीय विधायक के प्रभाव और तत्कालीन सरकार के दबाव में नियमों को ताक पर रख दिया गया. साथ ही छात्रसंघ कार्यालय का फीता जबरदस्ती काट दिया गया. कांग्रेसी नेताओं को गेट तक में घुसने नहीं दिया गया जिसकी मैं निंदा करता हूं. उन्होंने कहा कि मैंने जो भी कार्य किया है वह लिंग दोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार ही किया है. वहीं, हंगामे और विरोध के बीच समारोह हुआ. जिसमें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने छात्रसंघ कार्यालय का उद्घाटन किया.

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