अजमेर.तीर्थराज पुष्कर में पुरुषोत्तम मास में स्नान का विशेष महत्व है. लाखों लोग पुरुषोत्तम मास में पुष्कर सरोवर में स्नान कर चुके हैं. वही अब पुष्कर में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. दरसअल पुरुषोत्तम मास में एकादशी से पूर्णिमा तक पंचतीर्थ स्नान शुरू हो गए हैं. सुबह से ही पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर श्रद्धालुओं के आने और स्नान, पूजा कर दान पुण्य करने का दौर जारी है.
इस बार पुरुषोत्तम मास सावन के बीच आया है. ऐसे में शुरुआत के 15 दिन सावन, उसके बाद पुरुषोत्तम मास और फिर 15 दिन सावन के हैं. यानी हिंदू धर्मावलंबी शिव आराधना के साथ भगवान विष्णु का पूजन और जप भी कर रहे हैं. शनिवार को तीर्थराज पुष्कर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. पुष्कर के पवित्र सरोवर में सुबह से ही स्नान, पूजन और दान पुण्य करने का दौर जारी है. बताया जाता है कि एकादशी से पूर्णिमा तक पुष्कर तीर्थ सरोवर के नारायण रूपी जल में स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
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तीर्थ पुरोहित अनिल शर्मा ने बताया कि पुरुषोत्तम मास चल रहा है. इसको क्षेत्रीय भाषा में अधिक मास भी कहते हैं. पुरुषोत्तम मास 3 वर्ष में एक बार आता है. पुरुषोत्तम मास की एकादशी आज शनिवार को है. पुरुषोत्तम मास की एकादशी से पूर्णिमा तक पुष्कर तीर्थ सरोवर में स्नान का विशेष महत्व है. जो श्रद्धालु पुरुषोत्तम मास में स्नान नहीं कर पाते हैं, वे एकादशी से पूर्णिमा तक स्नान कर पूरे मास का फल प्राप्त कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि जो भी श्रद्धालु 5 दिन पुष्कर सरोवर में स्नान करते हैं और संयमित होकर नित्य कर्म करते हैं. उन्हें पुरुषोत्तम मास के स्नान का फल मिलता है.