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कार्तिक शुक्ल एकादशी पर पुष्कर सरोवर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, लोगों ने लगाई आस्था की डूबकी

कार्तिक शुक्ल की एकादशी पर अजमेर के पवित्र सरोवर के 52 घाटों पर श्रद्धालुओं का भारी सैलाब उमड़ा पड़ा (Huge devotees gathered in Pushkar Sarovar) है. हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई और पुष्कराज की पूजा अर्चना की. जानें पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने का क्या है महत्व.

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Published : Nov 4, 2022, 6:38 PM IST

Huge devotees gathered in Pushkar Sarovar
कार्तिक शुक्ल एकादशी पर पुष्कर सरोवर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

अजमेर. जगत पिता ब्रह्मा की नगरी पुष्कर में कार्तिक शुक्ल की एकादशी को पुष्कर के पवित्र सरोवर के 52 घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा (Huge devotees gathered in Pushkar Sarovar ). श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई और पुष्कराज की पूजा अर्चना की. इसके बाद श्रद्धालुओं ने जगतपिता ब्रह्मा के मंदिर में दर्शन किए. बता दें कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी से पूर्णिमा तक पुष्कर के पवित्र सरोवर में इन 5 दिनों में स्नान का विशेष महत्व होता है.

तीर्थ गुरु पुष्कर राज में अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर कार्तिक मेला 2022 की रौनक शुक्रवार से बढ़ गई है. श्रद्धालुओं की आवक लगातार तेजी से बढ़ रही है. शुक्रवार को एकादशी पर सुबह से ही श्रद्धालु पुष्कर के पवित्र सरोवर के 52 घाटों पर स्नान करते हुए नजर आए. प्रदेश से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पुष्कर पहुंचकर पवित्र सरोवर में आस्था की डुबकी लगाई. कार्तिक शुक्ल की एकादशी पुष्कर सरोवर में स्नान करने के उपरांत हजारों श्रद्धालुओं ने तीर्थ गुरु पुष्कर राज की पूजा अर्चना की. इसके बाद जगतपिता ब्रह्मा मंदिर पहुंचकर दर्शन किए. बता दें देश के कोने-कोने से आए साधु संत और विभिन्न मंदिरों के महंत पुष्कर में हैं. श्रद्धालुओ के स्नान का क्रम शाम तक जारी रहा.

तीर्थ पुरोहित पंडित सतीश चंद्र शर्मा का बयान

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सरोवर पर रहे सुरक्षा के इंतजाम: एकादशी के स्नान को लेकर पहले से ही प्रशासन और पुलिस ने पुष्कर के 52 घाटों पर सुरक्षा के मद्देनजर चाक चौबंद इंतजाम किए. सरोवर में गहराई को दर्शाने के लिए लाल झंडी लगाई गई. वहीं 52 घाटों पर एसडीआरएफ और पुलिस मित्र की टीमें तैनात की गई हैं.

एकादशी से पूर्णिमा तक होगा विशेष स्नान: तीर्थराज पुष्कर में कार्तिक शुक्ल की एकादशी से पूर्णिमा ताकि यानी 4 से 8 नवंबर तक पुष्कर सरोवर में विशेष स्नान होगा. माना जाता है कि एकादशी से पूर्णिमा तक जगतपिता ब्रह्मा पालनहार विष्णु और संग हरक शिव सहित समस्त देवी देवता इन 5 दिनों तक पुष्कर में विराजमान रहते हैं. तीर्थ गुरु पुष्कर राज भी इन 5 दिन में पुष्कर में रहते है.

तीर्थ पुरोहित पंडित सतीश चंद्र शर्मा ने बताया कि जगतपिता ब्रह्मा ने पुष्कर में सृष्टि यज्ञ किया था. उस दौरान समस्त देवी देवता तीर्थ और नदियां पुष्कर में विराजमान थी. तब से हर वर्ष कार्तिक शुक्ल की एकादशी से पूर्णिमा तक समस्त देवी देवता और तीर्थ पुष्कर में विराजमान रहते हैं और किसी न किसी रूप में आकर सरोवर में स्नान करते हैं. इससे सरोवर के जल की दिव्यता और भी बढ़ जाती है. स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को पुण्य फल की प्राप्ति होती है वही उनके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि तो सरोवर में स्नान का क्रम पूर्णिमा तक ऐसे ही जारी रहेगा.

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बाजारों में बढ़ी रौनक: पुष्कर मेले में श्रद्धालुओं की आवक बढ़ने से पुष्कर के बाजारों में रौनक परवान चढ़ी हुई है. दुकानों , रेस्टोरेंट होटल, धर्मशाला में श्रद्धालु नजर आ रहे हैं. इससे पुष्कर के व्यापारियों के चेहरे भी चमके हुए हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने जगह जगह पर पुलिसकर्मी तैनात किए हैं. पुष्कर मेले में करीब ढाई हजार पुलिसकर्मी सुरक्षा का मोर्चा संभाल रहे हैं. वहीं 400 यातायात पुलिसकर्मी भी पार्किंग स्थलों और यातायात केंद्रों पर ड्यूटी दे रहे हैं.

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