सर्दी के मौसम में ऐसे रखें अपना ख्याल... अजमेर. स्वास्थ्य की दृष्टि से सभी ऋतुओं में सर्द ऋतु सबसे उत्तम मानी जाती है. इस मौसम में शरीर में जठार अग्नि बढ़ जाती है. इसके कारण भोजन जल्दी पचता है और भूख भी अधिक लगती है. सर्द मौसम में बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष सतर्कता रखना की आवश्यकता होती है. आयुर्वेद के मुताबिक सर्द ऋतु में कफ और वायु की अधिकता रहती है, लेकिन इनमें असंतुलन के कारण कई प्रकार के रोग हो जाते हैं. संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में आयुर्वेद विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीएल मिश्रा से जानते हैं कि कैसे सर्दी के मौसम में फिट रहा जा सकता है.
सर्द मौसम में फिट रहने के लिए हेल्थ टिप्स: डॉ बीएल मिश्रा बताते हैं कि सर्द मौसम में कफ और वायु की अधिकता रहती है. सर्द ऋतु को स्वास्थ्य की दृष्टि से सर्वोत्तम माना जाता है. सर्दी के मौसम में जरा सी लापरवाही मुश्किल में डाल सकती है. वहीं सर्दी के बचाव के साथ यदि अच्छा खानपान, व्यायाम करते रहें, तो सेहतमंदी के साथ शरीर बलवान भी होता है. डॉ मिश्रा बताते हैं कि सर्द मौसम में वायु की अधिकता से शरीर में रोग उत्पन्न हो जाते हैं. मसलन होंठ, एड़ी फटना, शरीर में खुसकी आना, चमड़ी का सिकुड़ना, शरीर में खुसकी के कारण खुजली चलना आदि तरह के चर्म रोग देखने को मिलते हैं.
पढ़ें:Health Tips: नियमित व्यायाम और पौष्टिक आहार वर्ना हड्डियों की कमजोरी करेगी बुढ़ापा खराब, जानिए आस्टियोपोरोसिस के कारण, लक्षण और उपचार
वहीं सर्दी से बाहरी और आंतरिक अंग के सिकुड़ने से रक्त वाहिका भी सिकुड़ जाती है. इस कारण दिल के दौरे पड़ने के चांस सर्दी में ज्यादा रहते हैं. सर्द मौसम में कई लोगों के शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है. शरीर में ऊष्मा (एनर्जी) की कमी हो जाती है. इस कारण शरीर में कमजोरी महसूस होती है. उन्होंने बताया कि सर्दी के दिनों में सुबह की धूप सेंकना और शरीर पर सरसों के तेल की मालिश करना लाभदायक है. डॉ मिश्रा बताते हैं कि सर्दी के मौसम में धूप सेंकने से हड्डियां मजबूत होती हैं और शरीर में विटामिन डी की पूर्ति होती है. धूप सेकने के साथ ही शरीर की तेल से मालिश की जाए, तो शरीर की खुसकी दूर होती है और चर्म रोग नहीं होते.
पढ़ें:एलर्जिक और धूम्रपान की लत है तो इस मौसम में रहे सतर्क, वरना बढ़ सकती है आपकी परेशानी
जोड़ों और गठिया के रोगी रखें ध्यान: आयुर्वेद विभाग में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीएल मिश्रा बताते हैं कि सर्द ऋतु में वायु और कफ में असंतुलन के कारण लोगों को जोड़ों में दर्द और गठिया रोग की शिकायत भी होती है. खासकर बुजुर्ग लोगों में यह ज्यादा देखी जाती है. लेकिन अब युवाओं में भी जोड़ों के दर्द और गठिया रोग देखा जा रहा है, जो बिगड़ी हुई जीवन शैली का नतीजा है.
पढ़ें:Health Tips: मौसम के साथ आहार में भी बदलाव जरूरी, जानिए किस ऋतु में क्या खाना है गुणकारी और क्या है हानिकारक
डॉ मिश्रा ने बताया कि नित्य धूप सेवन करना लाभदायक है. साथ ही खानपान का भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है. सर्द ऋतु में पौष्टिक आहार लेना शरीर के लिए लाभकारी है. आयुर्वेद के मुताबिक सर्द मौसम में घी, तेल, युक्त भोजन करना फायदेमंद माना गया है. इसके अलावा गर्म पेय पदार्थ, सब्जियों का सूप, केसर और हल्दी युक्त दूध, गाजर, दाल, मेवे के देशी घी में बने हलवा, तिल और गुड़ से बने व्यंजन, मोटा अनाज मसलन बाजरा, मक्का, ज्वार से बनी रोटी, खीचड़ा, मूली, जमीकंद, रतालू, समेत हरी सब्जियां, मखाने मेवे की खीर का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बेहतर रहता है.
ऐसे बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता:डॉ बीएल मिश्रा ने बताया कि कफ की अधिकता के कारण जुखाम, बुखार, बलगम, खांसी समेत कफ जनित व्याधियां होने लगती हैं. खासकर बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा होती है. ऐसे में गर्म पेय पदार्थ के साथ अंडा, हल्दी, केसर युक्त दूध लाभदायी होता है. डॉ मिश्रा बताते हैं कि सर्द हवाओं से बचने के लिए कान और सिर को भी ढकना चाहिए. उन्होंने बताया कि सौंठ, काली मिर्च, लॉन्ग, तुलसी के पत्ते, हल्दी, अजवाइन, गुड़ मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी छूमंतर हो जाती है. वहीं यह काढ़ा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाने में सहायक होता है. उन्होंने बताया कि कफ बढ़ने पर गर्म पानी में थोड़ी हल्दी और फिटकरी डालकर गरारे करने से लाभ होता है.