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म्हारी बेटियां बेटों से कम हैं केः ग्यारसी जोधावत ने मजबूत इरादों के सहारे एथेलेटिक्स में जीता गोल्ड मेडल - न्यू मॉर्निग क्लासेस

अजमेर के ब्यावर में रहने वाली एक साधारण घर की लड़की जिसका नाम ग्यारसी जोधावत है. उन्होंने फिजिकल फिटनेश बोर्ड नेशनल की ओर से हरियाणा के पानीपत में आयोजित हुई एथेलिट प्रतियोगिता में लंबी कूद में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है. जिससे जोधावत ने अपने गांव, परिवार के साथ-साथ राजस्थान का नाम भी रौशन किया है.

अजमेर की खबर, Gyarsi Jodhawat
ग्यारसी जोधावत ने एथेलेटिक्स में जीता गोल्ड मेडल

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Published : Jan 21, 2020, 5:55 PM IST

ब्यावर (अजमेर).जिले के ब्यावर में ग्यारसी जोधावत ने फिजिकल फिटनेश बोर्ड नेशनल की और से हरियाणा के पानीपत में आयोजित हुई एथेलिट प्रतियोगिता में लंबी कूद में स्वर्ण पदक प्राप्त किया है. जिससे उन्होंने ब्यावर और अपने गांव का नाम रोशन किया है. उक्त प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए सुश्री जोधावत ने करीब साढ़े तीन सौ प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त किया है.

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कहते है कि अगर ईरादे बुलंद हो और मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो उसके आगे कठोर से कठोर पत्थर भी पानी बन जाता है, और तो और अगर इसके लिए किसी प्रकार के अर्थ की कमी महसूस की जा रही हो तो उसकी व्यवस्था भी बुलंद हौंसलों के चलते हो जाती है.

इसी प्रकार बुलंद हौंसलों और मजबूत ईरादों का नाम है राजियावास निवासी ग्यारसी जोधावत. जोधावत ने अभी हाल ही में फिजिकल फिटनेश बोर्ड नेशनल की ओर से हरियाणा के पानीपत में आयोजित हुई एथेलिट प्रतियोगिता में लंबी कूद में स्वर्ण पदक प्राप्त कर ब्यावर और अपने गांव का नाम रोशन किया है.

ग्यारसी जोधावत ने एथेलेटिक्स में जीता गोल्ड मेडल

उक्त प्रतियोगिता में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए सुश्री जोधावत ने करीब साढ़े तीन सौ प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए स्र्वण पदक प्राप्त किया है. मालूम हो कि राजियावास निवासी मंगलाराम जोधावत के बहुत ही साधारण परिवार में जन्म लेने वाली ग्यारसी जोधावत पढ़ने में शुरू से ही मेघावी रही है. शुरू से ही इसका रूझान खेलों के प्रति था, पर उचित माध्यम नहीं मिलने के कारण वह आगे नहीं बढ़ पाई लेकिन, इस दौरान सुश्री जोधावत की मुलाकात मिल रोड स्थित न्यू मॉर्निग क्लास के संचालक अजमत काठात से हुई और उसने अपने खेल कौशल के बारे में बताया.

सुश्री जोधावत के खेल कौशल और परिवार की माली हालत के कारण काठात ने उसे सहयोग करना शुरू किया. उसकी हर प्रकार की तैयारी में साथ दिया. इसी के बदौलत ग्यारसी जोधावत अनेक बाधाएं पार करते हुए यहां तक पहुंची और अपने शहर व गांव का नाम रोशन किया.

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मंगलवार को ग्यारसी के ब्यावर पहुंचने पर न्यू मॉर्निग क्लासेस में एक सादे समारोह में उसका स्वागत करते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की गई. उधर एक छोटी सी मुलाकात के दौरान ग्यारसी ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने पिता, गुरूजनों और मॉर्निग क्लास के निदेशक अजमत काठात को दिया है

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