अजमेर. गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अजमेर से जन संघर्ष पद यात्रा का आगाज गुरुवार को कर दिया है. इससे पहले सचिन पायलट ने जयपुर रोड स्थित सुभाष उद्यान के समीप जनसभा को संबोधित किया. यहां पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग उठाकर सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा. पायलट ने कहा कि सत्ता में आने से पहले उनके साथ अशोक गहलोत ने भी वसुंधरा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. अब सत्ता में आने के बाद उन आरोपों की जांच क्यों नहीं करवा रहे हैं? वहीं हेमाराम चौधरी का पक्ष लेते हुए जाट समाज को भी साधने की कोशिश की.
सरकार को कटघरे में खड़ा कियाःतेज चिलचिलाती गर्मी और लू के थपेड़े के बीच पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अजमेर से जयपुर के लिए कूच कर दिया. इससे पहले पायलट ने पीसीसी के पूर्व सचिव महेंद्र सिंह रलावता के फार्म हाउस पर जनसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन में सचिन पायलट ने विपक्ष की तरह अपने ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया. पायलट ने कहा कि 2013 में 20 से 25 सीटें कांग्रेस को मिली थीं, जबकि आजादी के बाद से पहली बार भाजपा के विधायक सबसे अधिक जीते थे. 163 विधायकों के साथ भाजपा बहुमत में आई थी. 2013 से 2018 तक विपक्ष में रहते हुए वसुंधरा सरकार के कई घोटाले और भ्रष्टाचार के खुलासे हुए. उस वक्त मैं प्रदेश अध्यक्ष था.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के तमाम लोग वसुंधरा राजे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे. वसुंधरा के कार्यकाल में बजरी, शराब, जमीन और खनन घोटाले हुए. पायलट ने आरोप लगाए कि 40 हजार करोड़ का खनन घोटाला हुआ. उस वक्त मामला उठाया गया तो लीज कैंसिल कर दी गई, लेकिन लीज कैंसिल करने से अपराध कैंसिल नहीं होता. पायलट ने कहा कि सीबीआई, सीवीसी जांच की मांग की गई, दिल्ली भी गए और उच्च स्तरीय जांच की मांग रखी. सत्ता से पहले वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ बोल रहे कांग्रेस के नेताओं पर जनता ने विश्वास किया. अशोक गहलोत भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वालों में शामिल थे.
पायलट बोले जुबान की कीमत होती हैः पायलट ने कहा कि कांग्रेस के तमाम नेताओं ने वसुंधरा सरकार पर जो आरोप लगाए थे उस पर जनता ने विश्वास किया तब कांग्रेस को बहुमत मिला. ऐसे में कथनी और करनी में फर्क नहीं होना चाहिए, अन्यथा जनता सब जानती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का साढ़े चार वर्ष का समय बीत गया, तब मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उन आरोपों की जांच के लिए आग्रह किया था जो सत्ता में आने से पहले वसुंधरा सरकार पर लगाए थे. 1 वर्ष तक मैं मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखता रहा, उसके बाद 1 दिन का मौन रहकर अनशन किया. पायलट ने तंज कसते हुए कहा कि जुबान की कीमत होती है.
मेरे परिवार पर एक फूटी कौड़ी का आरोप नहींःउप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि 23 वर्ष राजनीति जीवन को हो गए हैं. इस दौरान वह सांसद, केंद्रीय मंत्री, उप मुख्यमंत्री रहे. पायलट ने कहा कि उनके पिता स्वर्गीय पायलट कई बार केंद्रीय मंत्री रहे. उनकी माता रमा पायलट सांसद और विधायक रहीं. 45 वर्षों से उनका परिवार राजनीति में सक्रिय रहा, लेकिन हमारी ईमानदारी और निष्ठा पर विरोधियों ने भी कभी उंगली नहीं उठाई. पायलट ने कहा कि मुझपर क्या मेरे परिवार पर एक फूटी कौड़ी का आरोप नहीं लगा.