अजमेर में बारिश से सड़कें बनी दरिया अजमेर.अजमेर में बिपरजॉय तूफान का असर दूसरे दिन भी जारी रहा. सोमवार को सुबह 8 बजे से अजमेर में तेज बारिश हो रही है. हालात यह है कि आनासागर झील से पानी की निकासी के लिए चारों चैनल गेट खोल दिए गए हैं. अजमेर शहर की कई सड़कें दरिया बन चुकी हैं. वहीं डूब क्षेत्रों में पानी भर गया है. ऐसे में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बारिश का दौर अभी भी जारी है. शाम 6 बजे तक 93 एमएम से अधिक बारिश हो चुकी थी.
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पुष्कर सरोवर में आ चुका है 11 फीट से अधिक पानीःलगातार हो रही बारिश से अजमेर, पुष्कर, किशनगढ़ के कई क्षेत्रों में पानी भर गया. जिले के कई जलाशयों में पानी की आवक बनी हुई है. पुष्कर के पवित्र सरोवर में नाग पहाड़ी से आने वाले फीडर से लगातार पानी की आवक बनी हुई है. रविवार से अभी तक पुष्कर सरोवर में 11 फीट से अधिक पानी आ चुका है. इधर पुष्कर के डूब क्षेत्र में पानी भर गया है. पुष्कर में भी लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. वहीं अजमेर शहर में बारिश ने नगर निगम की सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी है. अजमेर के कई क्षेत्रों में बरसात का पानी भर गया है. कई लोगों के घरों में पानी घुसने से घर का सामान खराब हो गया. आम का तालाब, गुलाब बाड़ी नया घर, तेजाजी की देवली क्षेत्र में कई घरों में पानी घुस गया. यहां गुलाब बाड़ी से लेकर मयूर लिंक रोड तक सड़क जलमग्न हो गई है. सड़क पर ढाई से 3 फीट पानी बह रहा है.
आनासागर झील से सड़क पर आया पानी: दूसरी ओर वैशाली नगर में पुरानी आनासागर चौपाटी से लेकर जी मॉल तक झील का पानी सड़क पर आ गया है. इस कारण यातायात बाधित हो रहा है. आनासागर झील में लगातार पानी की आवक बनी हुई है. बांडी नदी और कई नालों का पानी आना सागर झील में आ रहा है. रविवार को हुई बारिश के कारण जलस्तर पहले ही ओवर फ्लो हो चुका था. रविवार को हुई तेज बारिश के बाद झील के चैनल गेट खोल दिए गए. आना सागर झील से एस्केप चैनल में पानी निकाला जा रहा है. वैशाली नगर की वन विहार कॉलोनी, सागर विहार कॉलोनी के भी कई घरों में पानी घुस आया है. घरों के बाहर सड़कों पर दो से ढाई फुट पानी भर गया है. इस कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. इसी तरह मेडिकल कॉलेज के सामने, सूचना केंद्र के सामने, स्टेशन रोड, मार्टिंडल ब्रिज के नीचे भी सड़कें दरिया बनी हुईं हैं.
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दरगाह क्षेत्र की सड़कें बनी नाला: लगातार हो रही तेज बारिश से दरगाह क्षेत्र की पहाड़ियों से पानी की आवक तेज हो रही है. इस कारण पहाड़ों से अंदरकोट होते हुए तेज गति से पानी दरगाह के निजाम गेट के बाहर होते हुए नला बाजार, मदार गेट, भोकर स्टेशन रोड की तरफ बह रहा है. इस दौरान सड़क पार करते समय कई लोग बहने की स्थिति में आ गए थे. जिन्हें पकड़कर किसी तरह बहने से रोक लिया गया. पानी के तेज बहाव में कई दुकानदारों का सामान भी बह गया. इधर लोंगिया क्षेत्र से पहाड़ी का पानी देहली गेट होते हुए गंज, फव्वारा सर्किल से दौलत बाग मार्ग तक बह रहा है. कई घंटों तक यहां भी मार्ग बाधित रहा.
पुराने जर्जर मकानों को नुकसान: केसर गंज स्थित एक पुराने मकान की दीवार गिर पड़ी है. हालांकि इस घटना में किसी को चोट नहीं है. एक कार क्षतिग्रस्त हुई है. लगातार हो रही बारिश के कारण पुराने जर्जर मकानों को खतरा बढ़ गया है. अजमेर सिंचाई विभाग में बने कंट्रोल रूम के आंकड़ों के मुताबिक सुबह 8 से शाम 6 बजे तक जिले में 93 एमएम से अधिक बारिश हुई है. इसमें भिनाय में 13 एमएम, केकड़ी में 6 एमएम, अजमेर में 40 एमएम, ब्यावर में 23 एमएम, नसीराबाद में 35 एमएम, किशनगढ़ में 21 एमएम, श्रीनगर में 19 एमएम के लगभग बारिश हुई है.
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JLN अस्पताल में पानी घुसने का मामला PMO पहुंचाः एक अन्य समाचार के अनुसार संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में बरसाती पानी घुस जाने का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया है. पीएमओ ने अजमेर लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी को अजमेर जेएलएन अस्पताल की सुध लेने के लिए कहा है. चौधरी ने अस्पताल पहुंचकर हालात का जायजा लिया. बातचीत में सांसद भागीरथ चौधरी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. अस्पताल के कई क्षेत्र में बरसाती पानी भरने को लेकर भाजपाई नेताओं ने नाराजगी जताई. सांसद भागीरथ चौधरी ने बातचीत में कहा कि अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल जहां 4 जिलों से मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं. इनमें सभी वर्ग के मरीज होते हैं. कई दिन पहले से ही बिपरजॉय तूफान को लेकर चेतावनी दे दी गई थी.
यह है अस्पताल में पानी घुसने का कारणः गुजरात में तूफान को लेकर पहले से ही तैयारी कर ली गई थी. इस कारण वहां कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ. जबकि यही चेतावनी राजस्थान में भी थी. हालांकि यहां रेड, ऑरेंज, येलो अलर्ट जारी हुआ. बावजूद इसके संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में घुटने तक पानी भरा हुआ है. वह मुख्यमंत्री फीलगुड कर रहे हैं. अस्पताल के जानकार सूत्र बताते हैं कि अस्पताल में पानी घुसने की समस्या एक दशक पुरानी है. दरअसल अस्पताल के बाहर की सड़क का लेवल अस्पताल भवन के बराबर हो चुका है. ऐसे में सड़कों पर आने वाला पानी अस्पताल में घुस जाता है. वहीं अस्पताल का ड्रेनेज सिस्टम भी पिछले एक दशक से खराब है. इस कारण पानी की निकासी की समस्या अस्पताल में बनी रहती है. अस्पताल के कई हिस्सों में बारिश का पानी भर जाता है.