अजमेर. दीपावली पर धन समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना की जाती है. अजमेर में मराठा कालीन प्राचीन वैभव लक्ष्मी का मंदिर है, जहां धनतेरस से भाई दूज तक सदियों से दीपोत्सव मनाने की परंपरा है. इन 5 दिनों तक माता वैभव लक्ष्मी के मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. खासकर दीपावली पर सुबह सूर्योदय के पहले से ही श्रद्धालु मंदिर में दीपक जलाने आते है. साथ ही घर पर बनाई हुई खीर का भोग भी माता वैभव लक्ष्मी को लगाने के मंदिर में भीड़ उमड़ती है. लाल पाषाण पर उभरी हुई माता की प्रतिमा काफी बड़ी है.
शहर के आगरा गेट पर स्थित प्राचीन वैभव लक्ष्मी माता का मंदिर 300 सालों से लोगों की आस्था का केंद्र रहा है. यूं तो हर दिन यहां भक्त अपनी मनोकामना के लिए आते हैं, लेकिन हर शुक्रवार को माता के इस मंदिर में भक्तों का हुजूम उमड़ता है. महिलाएं शुक्रवार का व्रत भी रखती है, इसके लिए यहां खासी तादाद में महिला श्रध्दालुओं का भी आगमन होता है. धनतेरस से भाई दूज तक मंदिर में दीपोत्सव मनाने की परंपरा रही है. धनतेरस पर सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं दर्शन के लिए उमड़ते हैं. माता को सफेद मिष्ठान का भोग लगाकर परिवार में समृद्धि और खुशहाली की कामना की जाती है.
खास बात यह है कि श्रद्धालु अपने साथ झाड़ू भी लेकर आते हैं. कहा जाता है कि झाड़ू घर से गंदगी को साफ करता है. इससे दरिद्रता दूर होती है और लक्ष्मी की कृपा बरसती है. यही वजह है कि धनतेरस पर नया झाड़ू खरीदने की परंपरा है. इसलिए ही माता लक्ष्मी के मंदिर में झाड़ू अर्पण किया जाता है. मंदिर में धनतेरस से लेकर भाई दूज तक यानी 5 दिन भक्ति और आस्था की सरिता बहती है.
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5 दिन तक मंदिर में दीपोत्सव : मंदिर में वैभव लक्ष्मी माता के साथ धन कुबेर, प्रथम पूज्य भगवान गणेश और माता सरस्वती की प्रतिमाएं भी विराजमान है. वर्षों से मंदिर में धनतेरस से भाई दूज तक 5 दिन दीपोत्सव मनाया जाता है. मान्यता है कि इन 5 दिनों तक मंदिर में दीप जलाकर माता को खीर का भोग लगाने पर मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि धनतेरस से भाई दूज तक मंदिर में मेले जैसा माहौल रहता है. खासकर दीपावली के दिन सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालुओं का मंदिर में आना शुरू हो जाता है. श्रद्धालु माता के मंदिर में दीप जलाते है और घर से बनाई हुई खीर का भोग लगाते हैं. सुबह से शाम तक मंदिर में दीप जलाने का सिलसिला लगा रहता है. कई लोग माता लक्ष्मी को सफेद मिष्ठान्न का भी भोग लगाते हैं. इसके अलावा नारियल, कमल का पुष्प और कमल के गट्टों की माला भी श्रद्धालु माता को अर्पित करते हैं.