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अजमेर के अस्पतालों में डायरिया के मरीज बढ़े, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा

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Published : Aug 17, 2023, 6:49 PM IST

Updated : Aug 17, 2023, 11:10 PM IST

अजमेर में इन दिनों डायरिया का प्रकोप बढ़ता नजर आ रहा है. इसे देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने 18 अगस्त से गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा शुरू करने का एलान किया है.

Diarrhea patients increased in Ajmer, Intensified Diarrhea Control Fortnight from August 18
अजमेर के अस्पतालों में डायरिया के मरीज बढ़े, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा

अजमेर में डायरिया का प्रकोप, गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा शुरू

अजमेर. जिले में डायरिया का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. संभाग की सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल ही नहीं बल्कि उपखंड क्षेत्र में स्थित सभी अस्पतालों में डायरिया ग्रसित मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महकमा एलर्ट हो गया है. चिकित्सक बाहर की खाने-पीने की चीजों और फल-सब्जियों के सेवन में सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. वहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बच्चों में डायरिया की रोकथाम के लिए गहन दस्त निवारण पखवाड़ा कल से शुरू करने जा रहा है.

जेएलएन अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ संजीव महेश्वरी ने बताया कि अस्पताल में डायरिया के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है. रोज करीब 1500 डायरिया के मरीज अस्पताल में आ रहे हैं. ज्यादातर मरीज दूषित पानी अथवा दूषित खाद्य सेवन से डायरिया के शिकार हो रहे हैं. डॉ महेश्वरी बताते हैं कि डायरिया के प्रकोप को रोकने के लिए लोगों को सावधान और सजग रहने की आवश्यकता है. लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. साथ ही चिकित्सक के परामर्श से ही दवा का सेवन करना चाहिए. डायरिया होने पर साफ पानी और तरल पदार्थ पीते रहें.

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ये हैं डायरिया के लक्षण:डायरिया होने पर पेट दर्द, पेट में मरोड़, बार-बार पतली दस्त जैसे लक्षण नजर आते हैं. ऐसा होने पर शरीर में पानी की कमी और कमजोरी महसूस होती है. डॉ महेश्वरी बताते हैं कि कई लोग दवा की दुकान से दवाइयां ले लेते हैं, जो सरासर गलत है. दुकानदारों को चिकित्सक के परामर्श के बिना दवाई नहीं देनी चाहिए. उन्होंने बताया कि डायरिया से बच्चों को बचाने के लिए आवश्यक है कि भोजन करने से पहले उनके हाथ अच्छे से धुलवाएं.

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ऐसा ना करें:बरसात के मौसम में अचानक तेज गर्मी पड़ने लगी है. पीने के पानी के साथ बरसाती पानी के मिश्रित होने के कारण, बाजार की खाद्य वस्तुएं और फल-सब्जियां डायरियां के लिए जिम्मेदार हैं. डॉ माहेश्वरी बताते हैं कि घरों में बीसलपुर का साफ पानी आता है, लेकिन उसको भी छानकर भरें. पानी भरने और खाना बनाने में स्वच्छता रखें. लंबे नाखून नही रखें. फल और सब्जियां ताजा खरीदें और उन्हें अच्छे से धोकर उपयोग में लें. उन्होंने कहा कि नाले के पानी से उगाई गई सब्जियों के सेवन से बचें. इन सब्जियों में घातक केमिकल होते हैं जो शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं.

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सीएमएचओ डॉ अनुज पिंगोलिया ने बताया कि इस बार बारिश जल्दी होने के कारण डायरिया के रोगी बढ़ने लगे हैं. डॉ पिंगोलिया ने बताया कि राज्य सरकार ने गहन दस्त निवारण पखवाड़ा (IDCF) शुरू किया है. अभियान के तहत आशा सहयोगिनी घर-घर जाकर जिंक की टेबलेट और ओआरएस पाउच बाटेंगे. उन्होंने बताया कि दो माह से छह माह तक के बच्चों के लिए 1 टेबलेट मां के दूध के साथ 14 दिन तक और 5 वर्ष तक के बच्चों के लिए जिंक की दो टेबलेट 14 दिन तक देनी होगी. साथ ही 1 लीटर पानी में ओआरएस मिलाकर देने से राहत मिलेगी. जिले के सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पर्याप्त दवाइयां हैं.

Last Updated : Aug 17, 2023, 11:10 PM IST

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