अजमेर.पुष्कर में कार्तिक माह की एकादशी यानी आज विभिन्न धार्मिक आयोजन व कार्यक्रम होंगे. इस दौरान एकादशी से पूर्णिमा तक श्रद्धालु सरोवर में आस्था की डुबकी लगा (Dip of Faith in Tirtha Raj Pushkar) पूजा-अर्चना करेंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी से पूर्णिमा तक समस्त देवी-देवता पुष्कर राज के साथ 5 दिनों तक पुष्कर में रहते हैं. इन 5 दिनों तक पुष्कर सरोवर के दृश्य देखते बनते हैं.
मान्यता है कि इन पांच दिनों में जो भी श्रद्धालु यहां सरोवर में स्नान के लिए आते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने के साथ ही उनके पापों का भी समूल नाश होता है. यही वजह है कि सदियों से श्रद्धालु पुष्कर में पंच तीर्थ स्नान के लिए आते रहे हैं. ज्योतिषाचार्य व तीर्थ पुरोहित पं. कैलाश नाथ दाधीच ने बताया कि सृष्टि यज्ञ से पहले ब्रह्माजी ने पुष्कर में यज्ञ किया था. इस यज्ञ में समस्त देवी-देवता, तीर्थ और नदियां शामिल हुई थी. यही वजह है कि जगतपिता ब्रह्मा के आशीर्वाद से इन 5 दिनों तक यहां समस्त देवी-देवता, (Gods stay in Pushkar for 5 days) ऋषि मुनि के अलावा त्रिदेव विराजते हैं.
चंद्र ग्रहण का असर:पं. कैलाश नाथ दाधीच ने बताया कि 8 नवंबर को कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा को खंडग्रास चंद्र ग्रहण रहेगा. आगे उन्होंने बताया कि ज्योतिष व खगोल विज्ञान के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक शाम 5 बजकर 53 मिनट पर प्रारंभ होगा, जो 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा. यह चंद्रग्रहण 26 मिनट का होगा. भारत के पूर्वी राज्य असम, मेघालय, सिक्किम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, त्रिपुरा, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ ही पड़ोसी देश बांग्लादेश और नेपाल में भी खंडग्रास चंद्रग्रहण के दृश्य देखे जाएंगे. जबकि शेष भारत के पश्चिम, दक्षिण व उत्तरी भाग में ये दृश्य मान नहीं होगा. इसके अलावा विदेशों में भी चंद्र ग्रहण प्रभाव रहेगा. खासकर ग्रीनलैंड, उत्तरी व दक्षिणी अमेरिका, मैक्सिको, कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, म्यामार, कोरिया, जापान, मंगोलिया, चीन, रूस, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, ओमान, ईरान, पाकिस्तान, आइसलैंड, फिनलैंड सहित कई देशों में कहीं खग ग्रास तो कहीं खंडग्रास होगा.