किशनगढ़ (अजमेर).जिले के मार्बल सिटी किशनगढ़ में पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के पुत्र भंवर सिनोदिया की हत्या के चश्मदीद गवाह की सरेआम बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई. मामले में पुलिस ने घटना स्थल के आसपास की इमारतों में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है. इस बीच सोशल मीडिया पर बाइक पर सवार तीन युवकों की फोटो वायरल हो रही है. फिलहाल, फोटो को लेकर पुलिस ने आधिकारिक पुष्ठि नहीं की है.
बता दें कि जयपुर रोड बालाजी मंदिर के पास रविवार को करीब शाम 4 बजे बाइक पर आए 3 अज्ञात हमलावरों ने कांग्रेस के पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया के पुत्र भंवर सिनोदिया हत्याकांड के मुख्य चश्मदीद गवाह भागचंद चोटिया की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या कर दी. हमलावरों ने बिल्कुल नजदीक से ताबड़तोड़ फायर की. जिसमें चोटिया के शरीर में 5 गोलियां लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई. भागते समय हमलावर फायरिंग में प्रयुक्त पिस्टल मौके पर छोड़कर भाग गए. जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. वहीं, दिनदहाड़े भरे बाजार के बीच हत्याकांड से मौके पर अफरा-तफरी मच गई. चोटिया को राजकीय यज्ञनारायण अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
सूचना पर सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक सुरेश टांक, पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया, भाजपा नेता विकास चौधरी, पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप सिंह, अतिरिक्त पुलिस उपाधीक्षक किशन सिंह भाटी, पुलिस उपाधीक्षक सिटी पार्थ शर्मा ने पहुंच कर घटना की जानकारी ली. मौके पर एफएसएल की टीम ने जांच के लिए नमूने लिए. आसपास के दुकानों सीसीटीवी कैमरे खंगालने के प्रयास किए जा रहे हैं. वारदात के बाद एसपी ने पूरे जिलेभर में नाकाबंदी करवा दी है.
ये पढ़ें:जयपुर: कदंब डूंगरी आश्रम के महाराज के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज
बता दें कि सूर्यास्त होने की वजह से शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया जा सका. अब सोमवार को शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा. इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलाेत ने पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया से फोन पर बात कर घटना की जानकारी ली और आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी का आश्वासन दिया. नागौर सांसद हनुमान बेनिवाल ने ट्वीट करते हुए वारदात की निंदा कर आरएलपी पदाधिकारियों और सदस्यों तथा पार्टी से जुड़े लोगों से किशनगढ़ पहुंचने का आह्वान किया है.
जानकारी के अनुसार हरमाड़ा निवासी भागचंद चोटिया पुत्र स्वर्गीय भंवरलाल चोटिया प्रोपर्टी सहित अन्य काम करता था. उसकी प्रतिदिन बालाजी के मंदिर के पास स्थित गोदाम में बैठक रहती थी. रोजाना की तरह शाम 4 बजे वह परिचितों के साथ बैठक कर अपने घर जाने के लिए शंकर श्री चाय की दुकान के बाहर खड़ी कार की तरफ बढ़ा. तभी पहले से घात लगाए हमलावरों ने चोटिया पर ताबड़तोबड़ फायरिंग कर दी. हमलावरों ने चोटिया पर बिल्कुल नजदीक से जाकर फायर किया, जिससे उसे संभलने का मौका नहीं मिला और गोलियां लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई.