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अजमेर : भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना की राशि में घोटाला...1.82 करोड़ का हुआ घपला - Bhamashah Health Insurance Scheme

अजमेर के पूर्व जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजेश टंडन ने JLN अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग पर अनियमितता का आरोप लगाया है. टंडन ने कहा कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में विभाग ने करोड़ों रुपए का घोटाला किया है.

अजमेर न्यूज, Ajmer JLN hospital
अजमेर JLN में घोटाला का आरोप

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Published : Sep 30, 2020, 10:55 AM IST

अजमेर.संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत वित्तीय अनियमितताएं सामने आई है. कार्डियोलॉजी विभाग में लगभग 3 सालों में करीब 1.82 करोड़ रुपए की अनियमितताएं सामने आई हैं.

अजमेर JLN में घोटाला का आरोप

बता दें कि पूर्व जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष राजेश टंडन ने अनियमितताओं का आरोप लगाया है. जिसमें हृदय रोग विभाग का बीमा योजना में करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया है. अस्पताल के मिली भगत के चलते इन मामलों पर अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है और ना ही पैकेज बढ़ाने के मामलों की छानबीन की गई है. जबकि इस मामले में JLN प्रशासन ने भी किसी भी प्रकार की अनियमितताएं होने से साफ तौर पर इनकार किया है. टंडन ने कहा कि इस करोड़ों रुपए के घोटाले से सरकार को चूना लगाने का कार्य अस्पताल प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. वहीं, राजेश टंडन ने कार्रवाई करने की मांग की है.

भामाशाह योजना की पैकेज राशि से अधिक हुआ खर्च

जिला बार एसोसिएशन अजमेर के पूर्व अध्यक्ष राजेश टंडन ने यह मामला उजागर किया है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य बीमा योजना के नोडल ऑफिसर की ओर से भी हदय रोग विभाग में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के पैकेज में सीमा से अधिक उपकरण वह खरीद कर सरकार को चूना लगाने का काम किया गया है. आवेदक के संबंधित बीमा कंपनी ने स्वीकृत पैकेज से अधिक उपकरण दवा करा करने वाले मामले में भुगतान करने से भी इनकार कर दिया था. जिसके बाद राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी के माध्यम से भुगतान किया गया.

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इंश्योरेंस कंपनी को सरकार की ओर से प्रति मरीज जमा करवाई राशि के अलावा आरएमएस से फिर भुगतान करना पड़ा. इस तरह की अनियमितताओं के सैकड़ों मामले सामने आए हैं.

नुकसान के यह हैं आंकड़े...

राजेश टंडन ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक लगभग 39 लाख 37 हजार 118 रुपए, जनवरी 2016 से मार्च 2016 तक 5 लाख 781 हजार 135 रुपए, अप्रैल 2017 से मार्च 2018 तक 87 लाख 79 हजार 860 रुपए का नुकसान सामने आया है. वहीं, अप्रैल 2018 से मार्च 2019 तक 49 लाख 50 हजार 300 रुपए का वित्तीय नुकसान सामने आया है. वहीं, यह राशि कुल मिलाकर 1 करोड़ 82 लाख 55 हजार रुपए हुई है.

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