अजमेर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के 9 वर्ष पूर्ण होने पर 31 मई को अजमेर के कायड़ विश्रामस्थली में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले मोदी तीर्थ नगरी पुष्कर भी जाएंगे, जहां पुष्कर राज सरोवर की पूजा-अर्चना और जगत पिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन करेंगे. मोदी 6 अक्टूबर 2018 को अजमेर आए थे और यही कायड़ विश्रामस्थली में मोदी की जनसभा भी थी. लेकिन वह पिछली बार जगत पिता ब्रह्मा मंदिर नहीं जा पाए थे. प्रधामंत्री रहते नरेंद्र मोदी की पुष्कर में यह पहली यात्रा होगी. मोदी की इस धार्मिक यात्रा को लोग धार्मिक और सियासत दोनों ही तरह से जोड़कर भी देख रहे हैं.
तीर्थ गुरु पुष्कर के लिए मान्यता यह है कि चारों धाम या अन्य सभी तीर्थ करने के उपरांत यदि तीर्थ गुरु पुष्कर के दर्शन और पूजन नहीं किए तो तीर्थ दर्शन का पुण्य नहीं मिलता है. शास्त्रों के अनुसार सभी तीर्थों के राजा प्रयागराज हैं. उसी तरह से सभी तीर्थों के गुरु पुष्कर राज हैं. पुष्कर में विश्व का इकलौता जगतपिता ब्रह्मा का मंदिर है. जगतपिता ब्रह्मा की नगरी पुष्कर का स्थान हिंदू धर्म में सबसे ऊंचा माना जाता है. देश और दुनिया में रहने वाले करोडों हिंदूओं के लोगों के लिए पुष्कर आस्था का बड़ा केंद्र है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान में चुनावी वर्ष में पुष्कर आने को लेकर कई तरह की सियासी चर्चा है.
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दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के 9 वर्ष पूर्ण होने पर देशभर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित होंगे. इसकी शुरुआत अजमेर से होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अजमेर के कायड़ विश्राम स्थली में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. 3 दिन तक यही कार्यक्रम मोदी का तय था कि 28 मई को सूचना आई कि पीएम नरेंद्र मोदी पुष्कर भी जाएंगे. यहां पुष्कर सरोवर की पूजा-अर्चना के बाद वह जगतपिता ब्रह्मा मंदिर के दर्शन करेंगे. यानी मोदी के कार्यक्रम में तब्दीली आई है.
इसलिए बना पुष्कर का कार्यक्रम : चर्चा है कि अजमेर की कायड़ विश्रामस्थली में पीएम नरेंद्र मोदी की यह दूसरी जनसभा होने जा रही है. इससे पहले अजमेर में 6 अक्टूबर 2018 को मोदी की जनसभा हुई थी. वह समय भी चुनावी था. उस वक्त जनसभा कर मोदी लौट गए थे. वह अजमेर में होते हुए भी निकट जगतपिता ब्रह्मा की नगरी में नहीं जा पाए थे. इसको लेकर उस वक्त कई तरह की चर्चाएं थीं. मोदी की जनसभा से अजमेर की 8 सीटों में से भाजपा को 5 सीटें मिली, लेकिन प्रदेश में बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा था. इस बार मोदी के सलाहकारों ने उन्हें पुष्कर धामिक यात्रा की सलाह राजनैतिक दृष्टिकोण को देखते हुए दी है. इससे पहले मोदी बीजेपी राष्ट्रीय सचिव रहते हुए वर्ष 2000 में पुष्कर आए थे.
तीर्थ गुरु पुष्कर राज के दर्शन और पूजन इसलिए भी जरूरी : पुष्कर को सभी तीर्थों का गुरु माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि प्रमुख तीर्थ दर्शनों के उपरांत पुष्कर तीर्थ गुरु के दर्शन और पूजन करना आवश्यक है, तब ही समस्त तीर्थो का पुण्य मिल पाता है. ऐसे में धार्मिक मान्यता के अनुसार भी मोदी के पुष्कर आगमन को जोड़ कर देखा जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी देश में कई तीर्थ स्थलों पर जा चुके हैं. ऐसे में उनकी तीर्थ गुरु पुष्कर की यात्रा को मुझे धार्मिक यात्रा के रूप में भी देखा जा रहा है.
व्यापक स्तर पर हो रही है तैयारी : 31 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुष्कर दौरा प्रस्तावित है. उनकी यात्रा को लेकर युद्ध स्तर पर व्यवस्थाएं की जा रही हैं. सावित्री माता मंदिर के निकट हेलीपैड तैयार किया जा रहा है. एसपीजी और अन्य खुफिया संस्थाओं के अधिकारियों ने अजमेर और पुष्कर में डेरा जमा लिया है. एक ओर प्रशासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुष्कर यात्रा को लेकर व्यवस्थाओं को अंजाम देने में जुटा हुआ है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए भी एसपीजी और जिला पुलिस मिलकर रणनीति पर काम कर रही हैं. इस प्रकार कायड़ विश्रामस्थली पर भी तीन विशाल डोम बनाए जा रहे हैं. इन डोम को वाटर प्रूफ बनाया जा रहा है. इसके साथ ही विशाल टेंट भी लगाए जा रहे हैं. 4 लाख स्क्वायर फीट क्षेत्र को डोम और टेंट से कवर्ड किया गया है. जनसभा में आने वाले हर व्यक्ति को सुरक्षा जांच से होकर गुजरना होगा. कायड़ विश्रामस्थली पर मूलभूत सुविधाएं भी होंगी.
पुष्कर सरोवर के घाटों की हुई सफाई : बीजेपी युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा के नेतृत्व में सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित दौरे के मद्देनजर भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने घाटों की सफाई की. अभियान चलाकर कार्यकर्ताओं ने घाटों को झाड़ू से साफ किया और गंदगी हटाई. भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने स्थानीय एवं श्रद्धालुओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में आने का निमंत्रण दिया.