अजमेर. जिले के धोला भाटा क्षेत्र में एक बीसी संचालक लोगों की गाढ़ी कमाई से की गई बचत को लेकर फरार हो गया. करीब 300 लोग उसके चुंगल में फंसकर अपनी राशि गवा चुके हैं. पीड़ित जनों ने अलवर गेट थाने में मामले की शिकायत दी है. पुलिस आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही, उल्टा आरोपी पीड़ित जनों को फोन करके धमका रहा है.
300 से अधिक लोगों के रुपए हजम कर बीसी संचालक हुआ फरार धोला भाटा क्षेत्र में बीसी संचालक मनीष उपाध्याय करीब 4 साल से सक्रिय था. पड़ोस में रहने वाले लोगों पर उसने सबसे पहले अपना विश्वास जमाया. साथ ही पड़ोसियों को भी अन्य लोगों की बीसी खुलवाने के लिए प्रेरित किया. मनीष उपाध्याय के चुंगल में फंस कर पड़ोसियों ने अपने रिश्तेदारों तक की बीसी मनीष से शुरू करवा दी. करीब 26 माह में लोगों की बीसी पूरी हुई और जब लोगों को रकम लौटाने की बारी आई तो शातिर मनीष उपाध्याय ने लोगों से उनकी डायरिया ले ली. इतना ही नहीं उन डायरियों को घर के बाहर उसने जला भी दिया. अब कुछ ही लोगों के पास डायरिया बतौर सबूत बची है. यह वह डायरियां है जिसमें हर महीने ली जाने वाली राशि अंकित की जाती है.
क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि मकान के ताला लगा कर मनीष उपाध्याय उनकी रकम लेकर फरार हो गया. वहीं अब फोन कर मनीष उन्हें धमका भी रहा है. इधर अलवर गेट थाने में पीड़ित पक्ष अपनी शिकायत दे चुके हैं लेकिन आरोपी बीसी संचालक मनीष उपाध्याय के खिलाफ पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की. जबकि क्षेत्र के लोग बताते हैं कि मनीष उपाध्याय की बहन मकान से धीरे-धीरे सामान निकाल कर ले जा रही है. क्षेत्र के लोग मंगलवार को भी मनीष उपाध्याय के मकान के बाहर लामबंद हुए और उसे गिरफ्तार करने की मांग की है.
बीसी संचालक के चुंगल में फंसे हैं मध्यम और गरीब तबके के लोग
बीसी संचालक मनीष उपाध्याय के चुंगल में अधिकांश मध्यम और गरीब तबके के लोग फंसे हैं. बताया जा रहा है कि मनीष उपाध्याय की पत्नी भी लोन दिलाने के नाम पर कई महिला मजदूरों को अपना शिकार बना चुकी है. इतना ही नहीं मनीष उपाध्याय ने कई लोगों से उधार की मोटी रकम भी ले रखी है. मेहनत की कमाई को बचत के तौर पर बीसी संचालक को सौंपना धोला भाटा क्षेत्र के लोगों को भारी पड़ गया है.