सफेद दाग से बचने के लिए टिप्स अजमेर. स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में आज बात करेंगे त्वचा संबंधी रोगों की. इनमें से एक है सफेद दाग. कई लोगों में ये बीमारी देखी जाती है. यह बीमारी शारिरिक पीड़ा तो नहीं देती, लेकिन रोगी को मानसिक कष्ट से जरूर गुजरना पड़ता है. कई बार रोगियों में खुद को लेकर हीन भावना भी आ जाती है. लेकिन सफेद दाग का इलाज संभव है. आयुर्वेद की चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रियंका शर्मा बता रहीं हैं सफेद दाग से बचने के लिए कुछ हेल्थ टिप्स:
डॉ प्रियंका शर्मा बताती हैं कि त्वचा संबंधी रोगों में सफेद दाग की समस्या कई लोगों को होती है. यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है. सफेद दाग को एलोपैथिक में ल्यूकोडर्मा कहते हैं. आयुर्वेद में सफेद दाग की बीमारी को श्वेत कुष्ठ कहते हैं. सफेद दाग की बीमारी को लेकर समाज में पहले काफी भ्रांतियां थीं. लोगों का मानना था कि यह बीमारी एक से दूसरे में फैलती है. कई लोग इसे कुष्ठ रोग भी कहते थे.
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मेलेनिन की कमी से होता है सफेद दाग : सफेद दाग से ग्रसित कुंवारे युवक-युवतियों को भी शादी में काफी दिक्कत आती है. सफेद दाग की बीमारी छूने से नहीं होती है. समाज में अब धीरे-धीरे सफेद दाग की बीमारी को लेकर जागरूकता आ रही है. चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रियंका शर्मा बताती हैं कि हमारी त्वचा में मेलेनिन नामक प्राकृतिक तत्व पाया जाता है. डॉ शर्मा ने बताया कि सुबह की धूप से मेलेनिन तत्वों की त्वचा में बढ़ोतरी होती है. उन्होंने बताया कि त्वचा में मेलेनिन की कमी के कारण त्वचा में सफेद दाग की समस्या होती है.
तेजी से फैलता है सफेद दाग :सफेद दाग शरीर के किसी भी अंग पर हो सकते हैं. डॉ शर्मा बताती हैं कि खासतौर पर शरीर का जो हिस्सा तेज धूप के प्रभाव में रहता है वहां सफेद दाग होने की संभावना ज्यादा रहती है. उन्होंने बताया कि आयुर्वेद में सफेद दाग का इलाज संभव है. जितनी पुरानी बीमारी उतना ही मरीज को ठीक होने में वक्त लगता है, लेकिन नियमित दवा और परहेज रखने से सफेद दाग त्वचा से खत्म भी हो जाते हैं. डॉ शर्मा बताती हैं कि सफेद दाग होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर सफेद दाग धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल जाता है. उन्होंने बताया कि सफेद दाग तेजी से शरीर पर फैलता है. इसलिए इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए.
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विरोधी भोजन नही करें :चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रियंका शर्मा बताती हैं कि सफेद दाग का मुख्य कारण विरोधी भोजन है. खानपान में लापरवाही के कारण सफेद दाग होने की संभावना ज्यादा रहती है. मसलन दही के साथ मूली, करेला, लहसुन, प्याज नहीं खाना चाहिए. इसके अलावा भोजन में मैदा से बने खाद्य पदार्थ, डिब्बाबंद खाना, मसालेदार चटपटे भोजन, मछली के साथ दूध, तुअर की दाल के साथ करेला नहीं खाना चाहिए. यह विरोधी भोजन माने जाते हैं. इससे त्वचा पर विपरीत प्रभाव पड़ते हैं.
घर में है इलाज :डॉ शर्मा बताती हैं कि हल्दी, सूखा धनिया, जीरा, सौंफ कच्चा खाने से सफेद दाग होने की समस्या कम रहती है. सफेद दाग होने के उपरांत तुलसी के बीज, बाकुची के बीज रात को भिगोकर सुबह खाने से काफी लाभ मिलता है. उन्होंने बताया कि चौथाई चम्मच तुलसी के बीज और आधा चम्मच बाकूची के बीज का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा बाकूची का तेल सफेद दाग पर लगा कर सुबह की धूप सेंकनी चाहिए. दोपहर की तीव्र धूप से त्वचा को बचाना चाहिए. दोपहर की तीव्र धूप में त्वचा के संपर्क आने पर सफेद दाग ज्यादा बढ़ने की संभावना रहती है.