अजमेर. शहर का सौंदर्य बढ़ाने वाली आनासागर झील अब लोगों के लिए काल साबित होती जा रही है. अजमेर शहर आनासागर झील के चारों और ही बसा हुआ है. लेकिन अब यहां के स्थानीय निवासी ही इसे मौत का कुंआ बोलने से नहीं कतराते हैं.
इस झील के आसपास लोगों के घूमने के लिए गौरव पथ का भी निर्माण किया गया है. जहां एक तरफ चौपाटी बनाई गई है तो दूसरी और लोगों के लिए पाथवे का निर्माण किया गया है. लेकिन यह झील अब लोगों के लिए कहीं ना कहीं मौत का कारण भी बनती हुई नजर आ रही है. अजमेर में विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह है. जहां लाखों की संख्या में जायरीन जियारत करने के लिए अजमेर में पहुंचते हैं.
आना सागर झील बनी मौत का कुआं वहीं दरगाह शरीफ आने वाले जायरीन लोग की आस्था आना सागर से भी जुड़ी हुई है. वह अजमेर आते हैं तो इस आना सागर झील को जरूर देखने पहुंचते है. जायरीन इस झील के पास काफी समय बिताते भी है और कुछ इनमें से नहाने के लिए झील में भी उतर जाते है. झील की गहराई का अनुमान नहीं होने के कारण बहुत से लोग हादसे का शिकार हो जाते है.
झील की गहराई के कारण प्रशासन ने झील में उतरने के रास्तों को बंद कर दिया है. बावजूद इसके भी कुछ लोग फिर भी झील में उतर जाते हैं और झील की गहराई ना पता होने के कारण उनकी डूबने से मौत हो जाती है. पिछले 2 महीनों के अगर आंकड़ों की बात की जाए तो करीब 12 लोगों से अधिक की डूबने से मौत हो चुकी है.
अजमेर जिला पुलिस अधीक्षक कुमार राष्ट्रदीप से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा इस मामले में चेतावनी बोर्ड भी लगाया गया है. हालांकि पहले दो कांस्टेबल वहां खड़े किए जाते थे लेकिन वहां किसी महिला से छेड़छाड़ ना हो इसके लिए उन्हें वहां नियुक्त किया गया था. वहीं स्थानीय लोगों की बात की जाए तो उन्होंने कहा कि आना सागर झील अजमेर का केंद्र बिंदु है. जहां हर जगह से लोग घूमने आते है लेकिन अब लोगों ने इस झील को भी मौत का जरिया बना दिया है.