अजमेर. शहर के बीचों-बीच ऐतिहासिक आना सागर झील का दायरा कम होने का नुकसान गांव तबीजी को उठाना पड़ रहा है. बारिश के कारण झील में क्षमता से अधिक पानी है, इसलिए लगातार पानी की निकासी की जा रही है. इसके कारण तबीजी गांव के खेत तालाब बन गए हैं. वहीं, रेलवे की संस्था डीएफसीसीआईएल की लापरवाही ने भी क्षेत्र के किसानों के हालात बिगाड़ दिए हैं. हालात यह है कि खेतों में फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और मवेशियों के खाने के लिए चारा तक नहीं है. किसानों को सूखा चारा खरीद कर पशुओं को खिलाना पड़ रहा है, जो उन्हें महंगा पड़ रहा है. किसान शासन और प्रशासन से विशेष गिरदावरी करवाने और मुआवजे की मांग कर रहे हैं.
सौंदर्य और विकास के नाम पर घटा झील का दायराः ऐतिहासिक आनासागर झील मानव निर्मित झील है. चौहान वंश के राजा अर्णोराज ने झील का निर्माण 11वीं सदी में करवाया था. तत्कालीन समय में झील का दायरा वर्तमान झील के दायरे से 3 गुना ज्यादा था. वर्तमान में 3 किलोमीटर की परिधि में झील सिमट चुकी है. झील के चारों ओर अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से पाथवे बन चुका है. सौंदर्य और विकास के नाम पर झील घटती गई और इसका दायरा और गहराई कम होती गई. वर्तमान में झील की भराव क्षमता 13 फीट है, लेकिन बरसात के कारण झील में 15 फीट पानी है.
इधर बांडी नदी के जरिए फॉयसागर का ओवरफ्लो पानी भी झील में आ रहा है. इस बार बिपरजॉय तूफान के असर से हुई बारिश से आनासागर झील लबालब हो चुकी थी. यही वजह है कि एक माह 25 दिन से लगातार झील से पानी की निकासी आनासागर एस्केप चैनल में की जा रही है. झील कैचमेंट और भराव क्षेत्र में बसी कॉलोनियों को बचाने के लिए पानी लगातार आनासागर एस्केप चैनल में छोड़ा जा रहा है, इसके कारण शहर में कई मकानों को खतरा उत्पन्न हो चुका है. वहीं, आना सागर एस्केप चैनल का पानी खानपुरा के तालाब को लबालब करते हुए तबीजी गांव के खेतों में घुस आया है.
खेत बने तालाब, फसलें हुईं चौपटः आना सागर एस्केप चैनल से पानी तबीजी होते हुए डुमाडा, पीसांगन होते हुए गोविंदगढ़ तक पहुंच चुका है. मार्ग में एक दर्जन से अधिक तालाबों को झील के पानी ने लबालब कर दिया है. झील के पानी के साथ साथ तेज बारिश के पानी ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर के रख दिया. गांव की 4 हजार बीघा से अधिक कृषि भूमि में पानी भरने से फसलें चौपट हो चुकी हैं. किसानों ने बताया कि ज्वार, बाजरा, मक्का, रजगा, ग्वार और विभिन्न सब्जियों की किसानों ने बुवाई की थी, लेकिन झील के पानी से सब बर्बाद कर दिया. किसानों ने बताया कि पशुओं के खिलाने के लिए चारा तक ग्रामीणों के पास नहीं है. पानी भरे होने के कारण किसान खेतों तक नहीं जा पा रहे हैं. किसानों ने बताया कि गांव की पूरी कृषि भूमि पर पानी भर गया है. सन 1975 में तेज बारिश से गांव का बड़ा तालाब भरते हुए देखा था. उसके बाद अब तालाब भरा है. उनका कहना है कि आना सागर झील के ओवरफ्लो पानी से पहली बार खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचा है.