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अजमेर: राजकीय अस्पताल में चल रहा था खुलेआम उगाही का खेल...वीडियो वायरल होने के बाद हुई कार्रवाई

राजकीय अमृतकौर अस्पताल में चौथ वसूली का वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें एक युवक साफ सुविधा शुल्क के नाम पर 50-50 रुपए मांग रहा है.

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Published : Apr 13, 2019, 9:36 PM IST

राजकीय अमृतकौर अस्पताल में चौथ वसूली का वीडियो वायरल

अजमेर. ब्यावर के राजकीय अमृतकौर अस्पताल में चौथ वसूली का वीडियो वायरल हुआ. जिसमें सुविधा शुल्क के नाम पर 50-50 रुपए मांगे गए. हरकत में आए चिकित्सा प्रशासन ने उक्त मामले में एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है. साथ ही वार्ड नर्सिंगकर्मी और कर्मचारी को एपीओ किया गया.

उपखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय के गायनिक वार्ड में शुक्रवार रात को एक युवक की प्रसूताओं से चौथ वसूली करने का वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया. मामले को गंभीरता से लेते हुए पीएमओ डॉ. एमके जैन ने इस मामले में रणजीत नाम के एक युवक के खिलाफ सिटी थाने में वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. आलोक श्रीवास्तव के मार्फत लिखित शिकायत दर्ज करवाई है. इसी प्रकरण में पीएमओ डॉ. जैन ने वार्ड में कार्यरत नर्सिंग कर्मचारी नीतू कंवर और छोटी बाई को एपीओ करते हुए उन्हें जयपुर मुख्यालय में ड्यूटी देने के निर्देश दिए है.

राजकीय अमृतकौर अस्पताल में चौथ वसूली का वीडियो वायरल

मालूम हो कि पूर्व में सफाई ठेकेदार के अनुबंध पर अस्पताल में साफ-सफाई करने वाले रणजीत नामक एक युवक का मदर चाइल्ड विंग के गायनिक वार्ड में प्रसूताओं तथा उनके परिजनों से सुविधा शुल्क के नाम पर 50-50 रूपए की राशि वसूलते हुए एक विडियो शहर के सभी वाट्सएप ग्रुपों में वायरल हुआ था. वीडियो में साफ तौर कर नजर आ रहा है कि उक्त युवक वार्ड में भर्ती प्रसूताओं और उनके परिजनों को धमकाकर सुविधा के नाम पर राशि वसूल रहा है. एक रोगी परिजन से की गई बातचीत के दौरान उक्त युवक ने कहा कि यहां पर सभी पैसे लेते है और वह तो नर्सिंग कर्मचारियों के लिए राशि लेता है. जानकारी मिली है कि उक्त वीडियो क्लिप चिकित्सा विभाग के निदेशक डॉ. समित शर्मा के पास भी पहुंच गई. डॉ. शर्मा ने इसे गंभीरता से लेते हुए पीएमओ डॉ. जैन को कार्रावई करने के निर्देश जारी किए. तब कही जाकर अस्पताल प्रशासन गंभीर हुआ और उक्त युवक के खिलाफ कार्रवाई की.

सवाल जो उठना लाजमी है ?
अब यहां पर एक अहम सवाल यह उठता है कि अगर राशि वसूलने वाला युवक अस्पताल का नियमित तथा अनुबंध कर्मचारी नहीं है तो फिर वह बेरोकटोक अस्पताल में कैसे घुस जाता है. वार्ड में जाकर किस की शह पर प्रसूताओं व परिजनों से सुविधा शुल्क के नाम पर चौथ वसूली करता है. इससे पहले भी अस्पताल में चौथ वसूली के लेकर कई शिकायतें मिली है. तो फिर उन शिकायतों के बाद जांच क्यों नहीं करवाई गई. खैर सवाल तो बहुत सारे है लेकिन यह तो तय है कि अस्पताल के गायनिक वार्ड में गाहे-बगाहे वसूली होती रहती है, लेकिन किसी के सामने नहीं आने के कारण ऐसे तत्वों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती है और उनके हौंसले बुलंद हो जाते है.

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