अजमेर. विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर दमकल विभाग भी अलर्ट हो गया है. विभाग ने दरगाह क्षेत्र में 270 से अधिक होटल और गेस्ट हाउस को नोटिस दिए हैं. दरअसल, इन गेस्ट हाउस और होटल में आग बुझाने के कोई भी यंत्र नहीं है. वहीं, तंग गलियां होने के कारण दमकल के वाहन भी उन तक नहीं पंहुच पाते हैं. उर्स ही नहीं आम दिनों में भी दरगाह क्षेत्र में जायरीन की भीड़ रहती है. आग लगने की स्थिति में जान और माल की हानि की संभावना बनी रहती है.
धार्मिक पर्यटन नगरी अजमेर में विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हर रोज हजारों की संख्या में जायरीन जियारत के लिए आते हैं. इनमें से अधिकांश जायरीन दरगाह क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में बनी होटल और गेस्ट हाउस में ठहरते हैं. इन क्षेत्रों में लोगों ने घरों को ही होटल गेस्ट हाउस में तब्दील कर दिया. ऐसे में 300 से भी ज्यादा होटल और गेस्ट हाउस दरगाह क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों में हैं. इसके अलावा अजमेर में भी कई होटल और गेस्ट हाउस हैं, यानी कुल करीब 450 होटल-गेस्ट हाउस अजमेर में हैं.
जायरीन की बढ़ती हुई संख्या और उनकी सुरक्षा को देखते हुए अग्निशमन विभाग भी सतर्क हो गया है. विभाग ने क्षेत्र में करीब 270 होटल और गेस्ट हाउस को चिन्हित किया है, जहां अग्निशमन यंत्र नहीं है. ऐसे सभी होटल और गेस्ट हाउस संचालकों को अग्निशमन विभाग की ओर से नोटिस दिए गए हैं. शुरुआत में तो होटल और गेस्ट हाउस संचालकों ने अग्निशमन विभाग के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया. उसके बाद विभाग की ओर से संचालकों को रिमाइंडर भी दिया गया. विभाग ने 2 दिन का शिविर लगाकर करीब 200 होटल और गेस्ट हाउस संचालकों से आवेदन करवाया.