अजमेर. राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे साफ हो चुके हैं. अजमेर जिले की 8 विधानसभा सीटों में से 7 सीट पर भाजपा ने अपना परचम फहराया है, जबकि कांग्रेस को एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा. विगत चुनाव की बात करें तो जिले में पांच सीटों पर भाजपा, दो पर कांग्रेस और एक पर निर्दलीय ने जीत हासिल की थी. इस बार किशनगढ़ सीट को छोड़कर शेष सभी सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा है.
किशनगढ़ और अजमेर उत्तर के ये रहे हालात : किशनगढ़ सीट से लोकसभा सांसद भागीरथ चौधरी को करारी शिकस्त मिली है. यहां भागीरथ चौधरी भाजपा के प्रत्याशी थे और इस बार तीसरे नंबर पर रहे हैं. किशनगढ़ सीट में मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी विकास चौधरी और निर्दलीय प्रत्याशी विधायक सुरेश टांक के बीच हुआ, जिसमें विकास चौधरी आगे रहे. वहीं, अजमेर उत्तर की बात करें तो यहां मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा था, लेकिन यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला रहा. इस सीट पर 20 वर्षों से वासुदेव देवनानी भाजपा से विधायक चुने जा रहे हैं और पांचवी बार भी देवनानी ने ही चुनाव जीता. देवनानी ने कांग्रेस के महेंद्र सिंह रलावता को शिकस्त दी है. रलावता दूसरी बार अजमेर उत्तर से चुनाव हारे हैं.
नसीराबाद में हुई रिकाउंटिंग: अजमेर दक्षिण सीट की बात करें तो यहां भी भाजपा और कांग्रेस के बीच आमने-सामने की टक्कर थी. भाजपा की प्रत्याशी अनीता भदेल ने लगातर 5वीं बार चुनाव जीता है. भदेल पिछले 4 बार से विधायक हैं, जिनके सामने कांग्रेस ने पहली बार द्रौपदी देवी को मैदान में उतारा था. यहां 14 राउंड में मतों की गणना हुई और परिणाम भी सबसे पहले आया है, जबकि नसीराबाद सीट के मतों की गणना सबसे ज्यादा 21 राउंड में पूरी हुई है. यहां पर भाजपा और कांग्रेस में बहुत ही करीबी मुकाबला रहा है. परिणाम भाजपा के पक्ष में आने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी शिव प्रकाश गुर्जर ने आपत्ति जताते हुए रिकाउंटिंग की मांग की, इसलिए नसीराबाद सीट के परिणाम देर शाम रिकाउंटिंग के बाद घोषित किए गए. इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप लांबा ने दूसरी बार चुनाव जीता है. लांबा ने कांग्रेस प्रत्याशी शिव प्रकाश गुर्जर को 1 हजार 132 मतों से हरा कर अपना कब्जा बरकार रखा है.
केकड़ी विधानसभा सीट जिले की सबसे हॉट सीट मानी जा रही थी. इसका कारण कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. रघु शर्मा रहे. डॉ. शर्मा गहलोत सरकार में चिकित्सा मंत्री और गुजरात चुनाव प्रभारी भी रह चुके हैं. कांग्रेस के कद्दावर नेता के तौर पर उन्हें देखा जाता है, लेकिन वह भी अपनी सीट नहीं बचा सके. पुष्कर विधानसभा सीट से भाजपा से विधायक सुरेश सिंह रावत ने तीसरी बार लगातार जीत दर्ज करवाई है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी नसीम अख्तर पुष्कर लगातार तीसरी बार चुनाव हारे हैं.
मतदाताओं की नाराजगी ने आइना दिखाया : ब्यावर विधानसभा सीट की बात की जाए तो इस सीट पर काफी रोचक मुकाबला देखने को मिला. यहां भाजपा के दो मजबूत प्रत्याशी, दो बागी खड़े होने के बावजूद जीत हासिल की. भाजपा प्रत्याशी शंकर सिंह रावत ने चौथी बार जीत का परचम लहराया है. रावत का मुकाबला यहां कांग्रेस प्रत्याशी पारसमल जैन से हुआ. पारसमल जैन मतगणना तक आगे चल रहे थे, लेकिन उसके बाद वह पिछड़ते चले गए और अंत के 6 राउंड में पासा ही पलट गया. मसूदा सीट पर भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह कानावत ने जिले में सबसे अधिक मतों से जीते हैं. दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी राकेश पारीक रहे. पारीक मसूदा से विधायक रहे हैं, लेकिन यहां विधायकी कांग्रेस पदाधिकारी संग्राम सिंह गुर्जर संभाल रहे थे, इसलिए क्षेत्र के मतदाताओं की नाराजगी ने पारीक को आइना दिखा दिया.
जिले में सचिन पायलट समर्थित सभी प्रत्याशी हारे :जिले की किशनगढ़, केकड़ी और अजमेर दक्षिण विधानसभा सीट को छोड़कर सभी 5 सीटों पर सचिन पायलट समर्थित प्रत्याशी मैदान में थे, इनमें अजमेर उत्तर से महेंद्र सिंह रलावता, पुष्कर से नसीम अख्तर, नसीराबाद से शिव प्रकाश गुर्जर, मसूदा से राकेश पारीक और ब्यावर से पारसमल जैन चुनाव हार गए. यह सभी पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक थे. इनमें से शिव प्रकाश गुर्जर नया चेहरा थे, जबकि शेष पायलट समर्थित प्रत्याशी पुराने चेहरे थे. बता दें कि अजमेर कांग्रेस में गुटबाजी परंपरा बन गई है. इस बार भी गुटबाजी ने कांग्रेस की लुटिया डुबो दी है.
शहर की दोनों सीटों पर RSS का प्रभाव :अजमेर शहर की दोनों सीट आरएसएस का कोटा मानी जाती है. अजमेर उत्तर से वासुदेव देवनानी और अजमेर दक्षिण से अनीता भदेल आरएसएस के चहेते हैं. चुनाव में आरएसएस की सक्रियता की बदौलत ही इस बार देवनानी और भदेल की नैया पार हो पाई है.