अजमेर. स्कूलों में विद्यार्थियों की पिटाई के कई मामले आपने देखे और सुने होंगे. ऐसे मामलों में कहीं न कहीं शिक्षकों को जिम्मेदार ठहराया जाता है. यह एक नकारात्मक पहलू है, लेकिन ठीक इसके विपरीत सकारात्मक पहलू यह भी है कि शिक्षक विद्यार्थियों को ज्ञान के साथ व्यवहारिक और सामान्य ज्ञान देकर उन्हें संस्कारवान भी बनाता है. जी हां ऐसे ही एक शिक्षक के नवाचार की चर्चा खूब हो रही है. अजमेर के तोपदड़ा में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के एक शिक्षक ने शरारती बच्चों को दंड देने का ऐसा अनूठा तरीका खोज निकाला है. इसमें विद्यार्थियों का बौद्धिक विकास तो हो रहा है बल्कि वह देश के महापुरुषों के बारे में जानकर संस्कारित भी हो रहे है. जानिए क्या यह अनूठी सजा..?
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नवाचार की जिले भर में हो रही है चर्चाः अजमेर के तोपदड़ा क्षेत्र में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक भंवर सिंह राठौड़ की ओर से किए गए नवाचार की जिलेभर में चर्चा हो रही है. शिक्षक राठौड़ ने स्कूल में शरारत करने पर विद्यार्थियों को दंड देने का एक नया अनूठा तरीका खोज लिया है. इसमें विद्यार्थियों को पीटना या किसी तरह की कष्टदायक सजा नहीं दी जाती है. बल्कि इस नए नवाचार से दी जाने वाली सजा पाकर विद्यार्थियों का बौद्धिक विकास हो रहा है. इसके साथ ही उन्हें संस्कारित भी किया जा रहा है. बातचीत में शिक्षक भंवर सिंह राठौड़ ने बताया कि देश में आजादी का 75वां अमृत उत्सव मनाया जा रहा है. ऐसे में विचार आया कि क्यों न स्कूल के एबीएल कक्ष में महापुरुषों की 75 तस्वीर लगाई जाएं. इसके लिए जनसहयोग से प्रिंटर खरीदा गया. इंटरनेट से अलग-अलग महापुरुषों की 75 तस्वीरें डाउनलोड की गईं. उन सभी तस्वीर की खुद ने फ्रेमिंग की. बाद में स्कूल के एबीएल कक्ष में उन्हें लगा दिया गया. स्कूल में एक से पांचवीं कक्षा और छठी से आठवीं तक के बच्चों को पढ़ाया जाता है. एक से पांच तक के विद्यार्थी एबीएल रूम में प्रतिदिन आते हैं. राठौड़ बताते हैं कि बच्चे इन तस्वीरों को प्रतिदिन देखते हैं हर तस्वीर के नीचे महापुरुष का नाम भी लिखा हुआ है. लिहाजा तस्वीर के साथ उनका नाम भी पढ़ते हैं.