अजमेर में एलिवेटेड रोड का काम इस माह होगा पूरा अजमेर.तीर्थ नगरी अजमेर में जगतपिता ब्रह्मा के दर्शन और ख्वाजा गरीब नवाज की जियारत के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को शहर में कई जगह होने वाले जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा. एलिवेटेड रोड की दूसरी भुजा का कार्य इसी माह में पूरा होने जा रहा है. इससे पर्यटकों के साथ ही स्थानिय लोगों को भी बड़ी राहत मिलने वाली है.
जिला कलेक्टर अंशदीप ने बताया कि अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से बनाया जा रहा एलिवेटेड रोड का काम अब अंतिम चरण में है. इस माह से ही एलिवेटेड रोड की दूसरी भुजा पर भी यातायात संचालन शुरू हो जाएगा. इसके लिए दूसरी भुजा का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. शहर के बीचोबीच जाम लगने से आमजन ही नहीं, शहर के व्यापारियों और आने वाले पर्यटकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में एलिवेटेड रोड अजमेर की जरूरत थी.
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मार्टिंडल ब्रिज से लेकर महावीर सर्किल तक और गांधी भवन से लेकर पुरानी आरपीएससी तक का क्षेत्र शहर के बीच में स्थित है और सघन इलाका है. शहर के विस्तार होने और यातायात के बढ़ते साधनों की वजह से इस क्षेत्र पर यातायात का दबाव काफी रहता है. मारवाड़, हाड़ौती और मेवाड़ क्षेत्र से दरगाह और पुष्कर आने जाने वाले श्रद्धालु इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं. यहां बार-बार लगने वाले जाम से काफी परेशानी होती है. अब कुछ ही दिनों में इस परेशानी से निजात मिल जाएगी.
एक भुजा पर शाम 6 बजे तक ही यातायात :5 वर्षों से एलिवेटेड रोड का काम चल रहा है. इतने बड़े अंतराल में केवल एक भुजा पर ही यातायात संचालन हो पाया है. इस भुजा पर भी शाम 6 बजे तक ही यातायात संचालन की अनुमति है. दरअसल मार्टिंडल ब्रिज से स्टेशन रोड होते हुए गांधी भवन से राइटर लेते हुए कचहरी रोड और पुरानी आरपीएससी भवन तक यह भुजा 2.6 किलोमीटर की है. इस भुजा के संचालन होने से दिन के वक्त काफी हद तक स्टेशन रोड, गांधी भवन और कचहरी रोड का यातायात दबाव कम हुआ है. एलिवेटेड रोड की दूसरी भुजा मार्टिंडल ब्रिज, स्टेशन रोड, गांधी भवन, पी एन मार्ग, आगरा गेट और उससे आगे महावीर सर्किल तक है जो अभी निर्माणाधीन है.
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2 वर्ष में बनना था 5 वर्ष बीत गए :विगत वसुंधरा सरकार के आखरी बजट में एलिवेटेड रोड की घोषणा तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने की थी. इसके तहत 200 करोड़ की लागत से एलिवेटेड रोड का निर्माण होना था. वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी थी, लेकिन वसुंधरा सरकार केवल एलिवेटेड रोड का शिलान्यास ही कर पाईं. गहलोत सरकार ने सत्ता में आने के 1 साल बाद एलिवेटेड रोड में दिलचस्पी दिखाई. यूडीएच मंत्री शांतिलाल धारीवाल अजमेर आए, इसके बाद काम में गति आई. इस दौरान एलिवेटेड रोड की लागत बढ़ गई. कोरोना के करण भी एलिवेटेड रोड का काम प्रभावित रहा. एलिवेटेड रोड का काम 2 वर्ष में पूरा होना था लेकिन इसको बनते-बनते 5 वर्ष का समय बीत गया है.
252 करोड़ की लागत से बन रहा है एलिवेटेड रोड :अजमेर में 252 करोड़ की लागत से एलिवेटेड रोड का निर्माण हो रहा है. इसके निर्माण में 91 पिलर्स, पिलर्स कैप के सभी कार्य पूर्ण हो चुके हैं. वहीं नगर निगम से फव्वारा सर्किल तक 69 स्टील गार्डर भी लग चुके हैं. एलिवेटेड रोड की एक शाखा का आरएसआरटीसी अधिकारियों की ओर से भार क्षमता का परीक्षण करने के बाद 26 सितंबर तक एक भुजा पर यातायात शुरू कर दिया गया है. केवल दिन के समय ही एलिवेटेड रोड पर वाहनों को आने जाने की अनुमति है. वहीं इस माह दूसरी भुजा का कार्य पूरा होने पर यातायात संचालन शुरू होगा. इससे पर्यटकों और अजमेर के स्थानीय लोगों को बड़ी राहत मिलेगी.
यह बोले स्थानीय लोग :अजयमेरु व्यापार महासंघ के सचिव रमेश लालवानी बताते हैं कि अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सभी कार्य अजमेर उत्तर क्षेत्र में हो रहे हैं. अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड का नाम भी अजमेर नॉर्थ स्मार्ट सिटी लिमिटेड होना चाहिए. लालवानी ने कहा कि विगत 5 वर्षों से एलिवेटेड रोड का काम पूरा नहीं हो पाया. अब कुछ ही दिन शेष है जब एलिवेटेड रोड पर यातायात संचालन शुरू होने लगेगा. इससे अजमेर आने वाले श्रद्धालुओं, व्यापारियों और आमजन को राहत मिलेगी. शहर के बीचोबीच यातायात का दबाव कम होगा. केवल बाजार आने वाले लोग ही ब्रिज के नीचे से बाजार आ पाएंगे. शेष लोग सीधे अपने गंतव्य की ओर जाएंगे. इससे यातायात सुगम होगा. स्थानीय व्यापारी लोकेश सैनी बताते हैं कि तीर्थ नगरी अजमेर में प्रतिदिन हजारों लोगों का आना-जाना लगा रहता है. देर से ही सही लेकिन अब परेशानी से लोगों को निजात मिलेगी.