नसीराबाद(अजमेर). केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन स्थानीय निकाय छावनी परिषद की अनदेखी के कारण इलाके में रहने वाल लोग कई सालों से पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से पिछले महीने छावनी परिषद इलाके के लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपये का अनुदान कस्बे में पेयजल व्यवस्था व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिये दिये जाने से अब कस्बेवासीयों में उम्मीद बंधी है. गुरुवार को छावनी परिषद बोर्ड अध्यक्ष ब्रिगेडियर समीर कौशल की अध्यक्षता में पार्षदों की बैठक आयोजित होगी जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी.
जानकारी के अनुसार छावनी परिषद ने परिषद के टैंक पर 1995 में कस्बे की पेयजल व्यवस्था के लिये जो स्टोरेज टैंक बनाये थे, उनकी क्षमता करीब 6 लाख गैलन पानी की है. तब कस्बे की आबादी करीब 25000 हजार थी जबकि वर्तमान में आबादी करीब 52000 हजार हो गई है. वर्तमान में छावनी परिषद को करीब 10 लाख गैलन पानी स्टोरेज टैंक की दरकार है जिससे कि कस्बेवासीयों को नियमित रुप से पानी की आपूर्ति हो सके.
छावनी परिषद द्वारा साल 1995 में टैंक पर लगाई गई पम्पिंग मशीनें भी बहुत पुरानी हो चुकी हैं जिनके नवीनीकरण की भी आवश्यकता है. छावनी परिषद को जलदाय विभाग पानी देता है. कई बार जलदाय विभाग की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो जाने पर छावनी परिषद को पानी की सप्लाई जलदाय से नहीं मिलने पर कस्बेवासीयों को पेयजल आपूर्ति नहीं हो पाती. छावनी परिषद के पास पर्याप्त पानी स्टोरेज व्यवस्था नहीं होने के कारण कस्बेवासी पेयजल समस्या से परेशान हो रहे हैं.