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अजमेर: अनुसूचित जाति/जनजाति अधिकार मंच का प्रदर्शन, केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी और निजीकरण को बढ़ावा देने का लगाया आरोप

अजमेर में अनुसूचित जाति और जनजाति अधिकार मंच के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी और निजीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.

लगातार बढ़ रही बरोजगारी से परेशान
अजमेर में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

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Published : Nov 28, 2019, 2:16 PM IST

अजमेर.बाड़मेर में अनुसूचित जाति जनजाति अधिकार मंच के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने सरकारी विभागों एवं कंपनियों का हिस्सा बेचकर उनका निजी करण करने का विरोध किया है. केंद्र सरकार के खिलाफ मंच के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय के बाहर लामबंद होकर प्रदर्शन किया. अनुसूचित जाति/जनजाति अधिकार मंच का आरोप है कि मोदी सरकार धीरे-धीरे सभी सरकारी विभागों का निजीकरण करती जा रही है.

अजमेर में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

मंच के प्रदेश अध्यक्ष छीतर मल टेपण ने कहा कि गत 6 साल में मौजूदा सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी निरंतर बढ़ रही है, उन्होंने कहा कि सरकार ने दो करोड़ बेरोजगारों को प्रतिवर्ष नौकरी देने का वादा किया था. लेकिन सरकार की वादाखिलाफी से बेरोजगारों में निराशा छाई हुई है. टेपण ने कहा कि देश में उद्योग धंधे सभी तरह के व्यवसाय डायलिसिस पर हैं. आर्थिक मंदी के कारण सभी वर्ग दुखी हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सरकारी कंपनियों का हिस्सा राशि भेज रही है. इसी के साथ निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है. देश हित में मोदी सरकार को निजीकरण पर अंकुश लगाना चाहिए.

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मंच के पदाधिकारी विजय नागोरा ने बताया कि समानता के अधिकार की आड़ में आरक्षण को खत्म करने की जो साजिश की जा रही है वह किसी भी हद तक पूरी नहीं होने दी जाएगी. नागौरा ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति अधिकार मंच के माध्यम से राजस्थान में आरक्षण को लेकर जन चेतना जारी है. उन्होंने कहा कि देश में अभी भी बड़ी संख्या में दलित है जिन को आरक्षण का लाभ नहीं मिला है. अनुसूचित जाति/जनजाति अधिकार मंच के प्रतिनिधिमंडल ने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी दिया.

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