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भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद केकड़ी नगरपालिका पहुंची एसीबी की टीम, खंगाले रिकॉर्ड

पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल के खिलाफ अतिक्रमण कर अवैध दूकानें बनाने के मामले में जांच के लिए एसीबी टोंक टीम गुरुवार दोपहर केकड़ी नगरपालिका पहुंची. इस दौरान एसीबी के अधिकारियों ने ईओ से मामले की जानकारी जुटाई और कई रिकॉर्ड खंगाले. हालांकि इस मामले में एसीबी अजमेर टीम पहले क्लीन चिट दे चुकी है.

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Published : Aug 29, 2019, 11:23 PM IST

केकड़ी (अजमेर). भ्रष्टाचारों की शिकायत के बाद टोंक एसीबी की टीम गुरुवार के दिन केकड़ी नगरपालिका पहुंची और दस्तावेज खंगाले. विदित है कि इस मामले में पहले ही अजमेर एसीबी की टीम ने क्लीनचिट दे दी है. दोपहर को एसीबी के एड़िशनल एसपी विजय सिंह ने नगरपालिका पहुंचकर भ्रष्टाचार के चार मामलों की जानकारी जुटाई.

केकड़ी नगरपालिका पहुंची एसीबी की टीम

एसीबी की टीम ने ईओ सहदेव चारण से शिकायतों से संबंधित फाईलों की बारीकी से जांच की है. नगरपालिका में एसीबी की टीम ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने, वितीय अनियमितता बरतने सहित अनेक मामलों की जांच की है. मामले में केकड़ी नगर विकास समिति के अध्यक्ष मोड़ सिंह राणावात, महामंत्री पवन सिंह भाटी व विष्णु कुमार साहू ने अजमेर एसीबी मे शिकायत दर्ज कराई थी. जांच में अजमेर एसीबी की टीम ने पहले ही पालिका अध्यक्ष को क्लीन चिट दे दी है.

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पालिकाध्यक्ष को कोर्ट से मिली थी राहत-
केकड़ी नगरपालिकाध्यक्ष अनिल मितल के खिलाफ स्वायत शासन विभाग में शिकायतें थी. जिस पर उन्हें डीएलबी ने प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार के मामलें मे दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया था. इस पर पालिकाध्यक्ष ने हाईकोर्ट में अपील की थी. हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए पद संभालने के आदेश दिए थे.

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इन शिकायतों का है मामला-
पालिकाध्यक्ष अनिल मितल के खिलाफ जयपुर रोड़ पर स्थित फैक्ट्री के बाहर अतिक्रमण कर अवैध दूकानें बनाने, पालिकाध्यक्ष के चाचा पदमचन्द ने बघेरा रोड़ स्थित फैक्टी के बाहर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर आठ दूकानों का निर्माण कर लिया. अजमेर रोड़ पर कटारिया ग्रीन का निर्माण बिना व्यवसायिक अनुमति के बनाना. पालिकाध्यक्ष ने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बिना निविदा निकाले कई विकास कार्य कराकर सरकारी राजकोष को हानि पहुंचाने का मामला है.

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