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छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांगः एनएसयूआई और एबीवीपी ने मिलकर किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस से हुई धक्का-मुक्की

अजमेर की महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी के बाहर छात्र संगठनों ने छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

ABVP and NSUI demand student union election, protest outside MDS University
छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांगः एनएसयूआई और एबीवीपी ने मिलकर किया विरोध प्रदर्शन, पुलिस से हुई धक्का-मुक्की

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Published : Aug 14, 2023, 5:05 PM IST

Updated : Aug 14, 2023, 8:55 PM IST

एबीवीपी और एनएसयूआई छात्र संगठनों ने की छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग

अजमेर.महर्षि दयानंद सरस्वतीयूनिवर्सिटी के बाहर एबीवीपी और एनएसयूआई छात्र संगठनों ने मिलकर छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्र संगठनों के पदाधिकारी के बीच गहमागहमी भी हुई. एबीवीपी और एनएसयूआई ने कुलपति को ज्ञापन देकर राज्य सरकार से चुनाव करवाने की मांग की. राज्य सरकार के छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने से युवा विद्यार्थियों में रोष व्याप्त है. अजमेर में भी विभिन्न छात्र संगठनों में रोष नजर आ रहा है.

सोमवार को महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय परिसर के बाहर एनएसयूआई और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर सामूहिक प्रदर्शन किया. छात्र संगठनों के पदाधिकारियों ने मिलकर यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अनिल शुक्ला को ज्ञापन सौंपकर छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग की. इससे पहले प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं और पुलिस के काफी गहमागहमी और धक्कामुक्की भी हुई. छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने के राज्य सरकार के निर्णय के विरोध में अजमेर में एनएसयूआई और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मिलकर एमडीएस यूनिवर्सिटी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.

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इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच मामूली झड़प भी हुई. कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी परिसर में जाने के लिए संघर्ष करते नजर आए. वहीं मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें भीतर जाने से रोक दिया. इससे नाराज कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी के मुख्य दरवाजे पर ही धरना देकर बैठ गए. विद्यार्थियों के प्रदर्शन को देखते हुए यूनिवर्सिटी कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ला ने कुलपति भवन से बाहर आकर एनएसयूआई और एबीवीपी छात्र संगठनों के नेताओं से बातचीत की. साथ ही दोनों ही संगठनों की मांग को राज्य सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया.

महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और एनएसयूआई के पूर्व जिला अध्यक्ष भगवान सिंह चौहान ने कहा कि प्रवेश कार्यक्रम और परीक्षा परिणाम का हवाला देकर राज्य सरकार ने छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाई है. ऐसा यूनिवर्सिटी प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण हुआ है. लेक्चर व्यवस्था को लेकर विद्यार्थी जिम्मेदार नहीं है. चौहान ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी है. देश और प्रदेश के कई बड़े नेता छात्र संघ चुनाव लड़कर ही आगे बढे और उन्होंने अपना मुकाम हासिल किया.

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वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को छात्रसंघ चुनाव के माध्यम से लोकतांत्रिक व्यवस्था को जानने का अनुभव मिलता है. छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाना सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को छात्र संघ चुनाव करवानी चाहिए। छात्र संघ चुनाव नहीं करवाने को लेकर युवाओं में काफी आक्रोश है. राज्य सरकार ने जल्दी ही छात्रसंघ चुनाव करवाने का निर्णय नहीं लिया, तो जयपुर में सभी छात्र संगठन मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे.

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एबीवीपी की न्याय यात्रा से डरी सरकारःएमडीएस यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ अध्यक्ष महिपाल गोदारा ने कहा गहलोत सरकार ने छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने का फरमान देर रात जारी किया. इसका मुख्य कारण अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की न्याय यात्रा है. यात्रा में जुटी भीड़ को देखकर सरकार डरी हुई है. राजस्थान में पेपर लीक और रेट की बढ़ती घटनाओं को लेकर एबीवीपी की न्याय यात्रा थी. सरकार को लग गया है कि सभी कैंपस कांग्रेस का अग्रिम संगठन एनएसयूआई हार रहा है. यह गहलोत सरकार को भी पता है कि कैंपस में युवा वर्ष भर विद्यार्थी हित में काम करते हैं. राज्य सरकार ने छात्रसंघ नहीं करवाने का लेने लेकर लोकतंत्र की हत्या की है. हमारी मांग है कि राज्य सरकार छात्रसंघ चुनाव करवाने की अनुमति दे.

यह बोले कुलपतिः छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे एबीवीपी और एनआईसीआईआई छात्र संगठन को लेकर कुलपति प्रो अनिल शुक्ला ने कहा कि छात्र संगठनों के पदाधिकारी ने अपनी समस्या बताई है. उनका कहना है कि छात्रसंघ चुनाव होने चाहिए. उनकी मांग को शासन तक पहुंचाएंगे. निश्चित रूप से जो उनकी भावना है और जो उन्हें ज्ञापन मुझे दिया वह राज्य सरकार को भिजवा दिया जाएगा. राज्य सरकार जैसे निर्देश होगा उसके अनुसार आगामी कार्रवाई होगी. प्रो शुक्ला ने कहा छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाना अथवा करवाना यह किसी एक यूनिवर्सिटी का निर्णय नहीं होता है.

Last Updated : Aug 14, 2023, 8:55 PM IST

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