अजमेर.महर्षि दयानंद सरस्वतीयूनिवर्सिटी के बाहर एबीवीपी और एनएसयूआई छात्र संगठनों ने मिलकर छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्र संगठनों के पदाधिकारी के बीच गहमागहमी भी हुई. एबीवीपी और एनएसयूआई ने कुलपति को ज्ञापन देकर राज्य सरकार से चुनाव करवाने की मांग की. राज्य सरकार के छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने से युवा विद्यार्थियों में रोष व्याप्त है. अजमेर में भी विभिन्न छात्र संगठनों में रोष नजर आ रहा है.
सोमवार को महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय परिसर के बाहर एनएसयूआई और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर सामूहिक प्रदर्शन किया. छात्र संगठनों के पदाधिकारियों ने मिलकर यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ अनिल शुक्ला को ज्ञापन सौंपकर छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग की. इससे पहले प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं और पुलिस के काफी गहमागहमी और धक्कामुक्की भी हुई. छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने के राज्य सरकार के निर्णय के विरोध में अजमेर में एनएसयूआई और एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मिलकर एमडीएस यूनिवर्सिटी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
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इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच मामूली झड़प भी हुई. कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी परिसर में जाने के लिए संघर्ष करते नजर आए. वहीं मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें भीतर जाने से रोक दिया. इससे नाराज कार्यकर्ता यूनिवर्सिटी के मुख्य दरवाजे पर ही धरना देकर बैठ गए. विद्यार्थियों के प्रदर्शन को देखते हुए यूनिवर्सिटी कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ला ने कुलपति भवन से बाहर आकर एनएसयूआई और एबीवीपी छात्र संगठनों के नेताओं से बातचीत की. साथ ही दोनों ही संगठनों की मांग को राज्य सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया.
महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और एनएसयूआई के पूर्व जिला अध्यक्ष भगवान सिंह चौहान ने कहा कि प्रवेश कार्यक्रम और परीक्षा परिणाम का हवाला देकर राज्य सरकार ने छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगाई है. ऐसा यूनिवर्सिटी प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण हुआ है. लेक्चर व्यवस्था को लेकर विद्यार्थी जिम्मेदार नहीं है. चौहान ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव राजनीति की पहली सीढ़ी है. देश और प्रदेश के कई बड़े नेता छात्र संघ चुनाव लड़कर ही आगे बढे और उन्होंने अपना मुकाम हासिल किया.