अजमेर.एनएचएम में कार्यरत संविदा आयुष (आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी) चिकित्सकों की लंबित समस्याओं का जल्द निराकरण करने के लिए आयुष चिकित्सक संयुक्त संघर्ष समिति ने मांग की है. समिति से जुड़े आयुष संविदा चिकित्सक मंगलवार को अजमेर जिला मुख्यालय पर लामबंद हुए. इसके बाद कलेक्टर को मुख्यमंत्री और चिकित्सा मंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा.
अजमेर में आयुष संविदा चिकित्सकों ने की नियमित किए जाने की मांग पढ़ें:भीलवाड़ा: संविदा आयुष चिकित्सा कर्मियों ने मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, दी ये चेतावनी
आयुष चिकित्सक संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी जितेंद्र शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी कोरोना की रोकथाम के लिए लगभग 2 हजार एनएचएम संविदा आयुष चिकित्सक कोरोना वॉयरिर्स के रूप में कार्यरत हैं. ये सभी इस महामारी के दौरान सर्विलांस टीम, आरआरटी टीम, सैंपल कलेक्शन टीम और मोबाइल ओपीडी वैन आदि में जान जोखिम में डालकर परिवार और बच्चों से दूर रहकर सेवा कर रहे हैं.
पढ़ें:झालावाड़ में कोरोना से दूसरी मौत, पिड़ावा के बुजुर्ग ने तोड़ा दम
जितेंद्र शर्मा ने बताया कि अल्प वेतन में संविदा पर निष्ठापूर्वक निरंतर सेवा दे रहे आयुष संविदा चिकित्सक सरकार से लंबे समय से वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. लेकिन, सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ प्राप्त नहीं हुआ है. अल्प वेतन और हीन भावना से ग्रसित आयुष चिकित्सकों के लिए हाल ही में चिकित्सा मंत्री ने मानदेय वृद्धि के लिए कमेटी का गठन भी किया था. नियमानुसार गठित कमेटी ने आयुष चिकित्सकों की मांगों के संबंध में पत्रावली भी मंत्रालय को भेज दी है. लेकिन, उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे समस्त आयुष चिकित्सकों में असंतोष व्याप्त है.
ये हैं आयुष संविदा चिकित्सक संघर्ष समिति की 2 मांगे
• सरकार के जन घोषणा पत्र के अनुसार वर्षों से संविदा पर कार्यरत अल्प वेतनभोगी आयुष चिकित्सकों को नियमित किया जाए.
• जब तक आयुष चिकित्सकों की नियमितीकरण प्रक्रिया पूर्ण नहीं होती है, तब तक मानदेय वृद्धि 2010 की भांति एलोपैथिक चिकित्सकों के समकक्ष 39,300 की जाए.