बिजयनगर (अजमेर). बाड़ी माता मंदिर पर आसोज नवरात्रा में विगत 18 वर्षों से महिषासूर के पुतले का दहन किया जा रहा है. 6 अक्टूबर को भी मंदिर परिसर में 41 फीट के महिषासूर के पुतले का दहन होगा.
माता के उपासक कृष्णा टांक ने बताया कि महिषासूर एक राक्षस था, जिसका वध करने के लिए भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के तेज से और देवी-देवताओं ने अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित कर मां भगवती को शक्ति प्रदान की. जिसके बाद मां भगवती ने सिंह पर सवार होकर अपना विकराल रूप धारण किया और महिषासूर का वध किया. वहीं बाड़ी माता भी एक मां का ही रूप हैं. इसी लिए यहां पर महिषासूर के पुतले का दहन किया जाता है.