राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

National conference of Gandhian institutes: राष्ट्रीय सम्मेलन में गांधी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने पर मंथन

अजमेर में गांधीवादी संस्थाओं का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार को शुरू हुआ. इसमें महात्मा गांधी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने के तरीकों पर मंथन किया जा रहा है.

By

Published : Feb 25, 2023, 8:52 PM IST

Updated : Feb 25, 2023, 10:42 PM IST

2 days Gandhian institutes conference in Ajmer, discussion on promotion of Gandhian ideology
National conference of Gandhian institutes: राष्ट्रीय सम्मेलन में गांधी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने पर मंथन

गांधीवादी संस्थाओं के राष्ट्रीय सम्मेलन में जुटे गांधीवादी विचारक...

अजमेर. राजस्थान सरकार में शांति एवं अहिंसा विभाग की ओर से अजमेर में राष्ट्रीय स्तरीय गांधीवादी संस्थाओं का दो दिवसीय सम्मेलन शनिवार को कोटड़ा स्थित गांधी स्मृति उद्यान में शुरु हुआ. सम्मेलन में गांधीवादी विचार को आगे बढ़ाने और देश के वर्तमान हालातों और चुनौतियों को लेकर भी चर्चा की गई.

पहली बार अजमेर में गांधीवादी संस्थाओं का राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ है. जिला गांधी दर्शन समिति के संयोजक एवं पूर्व विधायक श्रीगोपाल बाहेती, उपसंयोजक शक्ति प्रताप सिंह राठौड़ समेत समिति के सदस्यों ने विभिन्न राज्यों से आए गांधीवादी संस्थाओं के प्रतिनिधीयों का अभिनंदन किया. गांधी स्मृति उद्यान में ही स्थित भवन के इंडोर हॉल में प्रथम स्तर की शुरुआत हुई. इसमें अलग-अलग राज्य से आए प्रतिनिधियों का वक्तव्य हुआ.

पढ़ें:झालावाड़: गांधीवादी विचारकों व स्वयंसेवी संस्थाओं का जिला स्तरीय वेबीनार आयोजित

वक्तव्य के माध्यम से सुझाव भी लिए गए कि महात्मा गांधी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का काम प्रभावी तरीके से कैसे किया जाए. इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिये गांव-गांव तक गांधी विचारधारा को पहचाने के लिए कार्यकर्ता तैयार किए जाएं. शांति एवं अहिंसा विभाग के सचिव सवाई सिंह ने बताया कि एक वर्ष से विभिन्न जिलों में प्रशिक्षण कार्य हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता देश की सबसे बड़ी ताकत है. इस समरसता में कड़वाहट घोलने का काम देश में हो रहा है. इस कारण लोगों में दूरियां बढ़ रही है. महात्मा गांधी ने धर्म निरपेक्षता को बढ़ावा दिया. वह कौमी एकता के पक्ष में थे. महात्मा गांधी कहते थे कि सभी जाति-धर्म और समाज की कौमी एकता ही देश को मजबूत बना सकती हैं.

सेवाग्राम महात्मा गांधी का अंतिम आश्रम: महाराष्ट्र के वर्धा में स्थित सेवाग्राम से आई प्रतिनिधि आशा बोथरा बताती हैं कि सेवाग्राम महात्मा गांधी का अंतिम आश्रम रहा है. तत्कालीन समय में आजादी और आर्थिक राजधानी सेवा आश्रम रहा. उन्होंने कहा कि गांधी कभी आदर्श उपदेश की बात नहीं करते. वे हमेशा तर्क किया करते थे. गांधी विचारक बोथरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश के किसी भी राज्य में शांति एवं अहिंसा विभाग नहीं है.

पढ़ें:गांधीवादी विचारधारा कभी बिकती नहीं, जो बिक रहे वो कांग्रेसी नहीं: बुधवाली

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि इस तरह का विभाग दुनिया में पहला होगा. बातचीत में उन्होंने कहा कि अहिंसा सत्य से पैदा होती है. महात्मा गांधी ने कहा था ईश्वर ही सत्य है. बाद में उन्हें लगा कि सत्य ही ईश्वर है और वह निर्भीकता है. उन्होंने कहा देश के हालात देखें, तो लोकतंत्र पर लॉक, by the people अब buy the people और for the people की जगह for the people और off the people हो गए हैं. इन सबको संभालने की ज्यादा जरूरत है.

नई आजादी की लड़ाई: वर्धा सेवाग्राम से आई प्रतिनिधि आशा बोथरा ने कहा कि आज जो हम देख रहे हैं और उसे समझ रहे हैं. ऐसे में एक नई आजादी की लड़ाई हम किस तरह से मिलकर लड़ें. यह हमको सोचना पड़ेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि देश मे विषमताएं पैदा की जा रही हैं. सामाजिक और आर्थिक विषमता है. वहीं राजनीति के लिए राजनीति की जा रही है.

गांधी विभाजन के पक्ष में नहीं थे: उन्होंने कहा कि हम अब भी नहीं समझ पाए कि हम किन हाथों में भविष्य देकर जाएंगे. देश में विविध रंग हैं. हम क्या देश को केवल एक ही रंग में रंग दे ना चाहते हैं. एक तरफ हम विभिन्न रंगों से होली खेलते है. तो हम उसे केसरिया और हरे में क्यों बांट देना चाहते हैं. क्यों नफरत के बीज बोए जा रहे हैं. इतना जहर भर दिया गया है कि 8 साल का बच्चा भी जानता है कि हिंदू-मुसलमान क्या होता है. गांधी पर लिखी किताबें पढ़ें, तो युवाओं को पता चले कि गांधी ने देश का विभाजन किया या उन्होंने कहा था कि मेरी लाश पर हिंदुस्तान और पाकिस्तान बनेगा. अंत तक गांधी विभाजन के पक्ष में नहीं थे.

पढ़ें:गांधी जयंती पर 'गांधीवादी दर्शन-पुलिस व्यवहार में प्रासंगिकता' विषय पर संवाद का आयोजन

सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही भ्रामकता: नई दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र के कुमार प्रशांत ने कहा कि हमारे मुल्क में सामाजिक समरसता नहीं रही है और ना ही आर्थिक बराबरी के बारे में किसी के मन में कोई भाव रह गया है. कुमार प्रशांत ने कहा कि आज दिक्कत यह है कि महात्मा गांधी को आज हम इतने अच्छे से समझते नहीं हैं कि हम युवा पीढ़ी को अच्छे तरीके से गांधी के बारे में समझा सकें. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं. उनका सही खंडन किया जाना चाहिए. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के मामले में राजस्थान को तीन हिस्सों में बांटा गया है. तीनों जोन में बड़े स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम हुए हैं. अब हम पंचायत स्तर पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए हम 6 माह से कार्यरत है.

Last Updated : Feb 25, 2023, 10:42 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details