उदयपुर. 'आम के आम और गुठलियों के भी दाम'- ये कहावत तो आपने सुनी होगी. अब उदयपुर नगर निगम में इस कहावत के अनुसार ही कार्य किया जा रहा है. जी हां, पिछले लंबे समय से राजस्व प्राप्ति में विफल रहने वाले उदयपुर नगर निगम ने इस बार राजस्व प्राप्ति के लिए एक नया फॉर्मूला तैयार किया है. इस फॉर्मूले के तहत निगम निजी फर्मों को राजस्व प्राप्ति का ठेका देगा. लेकिन, निगम द्वारा एक निर्धारित राशि तक ठेकेदार को किसी भी तरह का पेमेंट नहीं किया जाएगा. बल्कि, उससे पेनाल्टी ली जाएगी और अगर ठेकेदार उससे अधिक राजस्व प्राप्ति करेगा तो निगम द्वारा उसे एक निर्धारित फीसदी की राशि दी जाएगी.
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इस तरह उदयपुर नगर निगम में अर्बन डेवलपमेंट टैक्स वसूली को लेकर अब एक नई योजना तैयार की जा रही है. योजना के तहत नगर निगम इस बार निजी फर्मों को उदयपुर में यूडी टैक्स कलेक्शन की जिम्मेदारी सौंपने जा रही है.
उदयपुर नगर निगम के आयुक्त अंकित कुमार सिंह ने बताया कि नगर निगम द्वारा पिछले लंबे समय से यूडी टैक्स कलेक्शन का सर्वे नहीं हुआ है. ऐसे में नगर निगम इस साल एक बार फिर जहां टैक्स कलेक्शन को लेकर शहर में सर्वे करवाएगा, वहीं इसके साथ ही जो फर्म निगम का रेवेन्यू कलेक्ट करेगी, उसे एक निर्धारित राशि तक किसी भी तरह का पेमेंट नहीं किया जाएगा., बल्कि उससे पेनाल्टी राशि वसूली जाएगी. अगर वो फर्म 7 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त करती है तो उसे एक निर्धारित फीसदी के तहत राशि दी जाएगी.
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बता दें कि इस तरह की योजना लागू करने वाला उदयपुर नगर निगम राजस्थान में पहला नगर निगम है. जहां आम के आम और गुठलियों के भी दाम के आधार पर टैक्स कलेक्शन की योजना बनाई गई है. साथ ही बता दें कि इस योजना के बाद राजस्थान के कई अन्य नगर निगमों और नगर पालिकाओं द्वारा उदयपुर फॉर्मूला पर टैक्स कलेक्शन की योजना बनाई जा रही है, जिनमें अजमेर और अन्य कई जिले शामिल हैं.