उदयपुर. केंद्रीय कृषि कानून को लेकर देशभर में चौतरफा विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. एक तरफ सरकार इन कानूनों को किसानों के हित में बता रही है, तो वहीं कुछ किसान संगठन और अन्य लोग लगातार इन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच सरकार के इन कानूनों का पक्ष रखने के लिए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सोमवार को उदयपुर पहुंचे. जहां उन्होंने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
इस दौरान उन्होंने कहा कि इस विरोध-प्रदर्शन में वो लोग हैं. जिनको जनता ने नकार दिया, उनके द्वारा एक परंपरागत तरीके से केवल कृषि कानून का विरोध ही नहीं अपितु जितने भी केंद्र सरकार ने पिछले दिनों कानून बनाए हैं. उन सभी कानूनों पर परंपरागत तरीके से भरम पैदा करना है. इस तरह की श्रंखला का एक परिणाम है और यह आंदोलन जो प्रायोजित रूप से खड़ा किया गया है. अब यह आंदोलन उपद्रवी विघटनकारी हाथों में चला गया है.
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शेखावत ने कहा कि इस आंदोलन से देश और समाज के नागरिकों को परेशानी हो रही है और मैं यह मानता हूं कि जो इस आंदोलन को प्रायोजित तरीके से खड़ा किए हैं. उनको अंतत इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं फिर कहूंगा बातचीत से ही सभी समस्याओं का हल निकलेगा. सरकार लगातार तैयार थी और अब भी है. उन्होंने बताया कि किसी विषय पर चर्चा करके समाधान निकालने की बात हो, इसको लेकर हम तैयार हैं. लेकिन बिना किसी विषय के आंदोलन करने की बात है. तो सरकार देश के 14 करोड़ किसानों के हित की कुर्बानी जो कुछ आंदोलनकारी उपद्रवी ताकतें और राजनीतिक पार्टियां के लिए नहीं करने देंगे.
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