उदयपुर. जिले में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Udaipur Smart City Project) को लेकर अधिकारियों को विश्वास है कि मार्च महीने तक उदयपुर में स्मार्ट सिटी का कार्य पूरा कर लिया जाएगा. लेकिन वर्तमान स्थिति की नजर डालें तो शहर के अंदरूनी परकोटे में स्मार्ट सिटी का धीमी गति से चल रहा है. जिससे परेशानी भी खुलकर सामने आने लगी है. यही वजह है कि शहर के मुख्य बाजारों में काम होने के कारण व्यापारियों ने जहां विरोध कर काम में गति लाने का मुद्दा उठाया था.
मार्च तक काम पूरा करने की गाइड लाइन
स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने बताया कि शहर के परकोटा क्षेत्र में इंटीग्रेटेड का काम चल रहा है. वही कमीशन रिंग का काम फिलहाल अभी तक पूरा नहीं हो सका है. स्मार्ट सिटी के तहत हेरिटेज के लिए कई काम किए गए हैं. जिसमें शहर के परकोटे की दीवार को एक नया लुक दिया गया है. स्मार्ट सिटी में सिविल वर्क पूरा हो चुका है, लेकिन तब तक कमिश्नर रिंग पूरे करने का काम किया जा रहा है. कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण स्मार्ट सिटी के कार्य में थोड़ी धीमी गति जरूर आई थी. लेकिन अधिकारियों का कहना है कि मार्च महीने तक स्मार्ट सिटी का लगभग कार्य पूरा कर लिया जाएगा.
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वॉलसिटी के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम और सरकारी भवनाें पर सोलर पैनल का काम तीतरड़ी में कचरे की कैपिंग का कार्य पूरा हो चुका है. कुम्हारों का भट्टा के पास वेस्ट सेंटर बन चुका है और यहां से कचरा इकट्ठा कर टीपर से बलीचा ट्रेचिंग ग्राउंड ले जाया जा रहा है. प्रदीप सांगावत एसीईओ स्मार्ट सिटी ने बताया कि उदयपुर में स्मार्ट सिटी का कार्य मार्च तक पूरा करने की गाइड लाइन तय की गई है.
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शहर के अंदर के 18 वार्डों में 24 घंटे पानी की सप्लाई, स्मार्ट पार्किंग, ओपन जिम सहित कई काम शामिल है और इस स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शहर के ऐतिहासिक धरोहर और दरवाजों का भी संरक्षण किया गया है जो अब पूरी तरह से अपने नए रूप में दिखाई दे रहे है. मछला मंगरा पर बनी ऐतिहासिक दीवार के साथ शहर के अलग-अलग कोनों में बने 10 दरवाजों को भी दुरुस्त किया गया है. हालांकि सरकारी अधिकारियों के आंकड़ों के स्तर देखे तो कुछ काम अभी भी रेंगते हुए नजर आ रहे हैं. जिसकी वजह से शहर के अंदरूनी हिस्से में कई जगह की सड़कें खुदी होने के कारण व्यापारियों और आने वाले टूरिस्ट को भी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है.