उदयपुर. बिहार की पूर्णिया जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसे में उदयपुर के खेरवाड़ा क्षेत्र के रहने वाले 8 मजदूरों की मौत (8 workers died in Bihar Road accident) हो गई थी. हादसे के 2 दिन बाद सभी मृतकों के शव उदयपुर बुधवार देर रात को पहुंचे. जैसे ही एंबुलेंस शव लेकर पहुंची वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं. इस दौरान विधायक दयाराम परमार, कलेक्टर ताराचंद मीणा की मौजूदगी में सभी 8 शवों को उनके परिजनों को सुपुर्द किया गया. परिजन एंबुलेंस और अन्य वाहनों से मृतकों के शवों को अपने पैतृक गांव की ओर लेकर रवाना हुए.
पंचतत्व में हुए विलीन: घर पहुंचे शवों की अंतिम यात्रा बेहद गमगीन माहौल में शुरू हुई. आठों मजदूर 4 अलग अलग गांवों से (Last rites of labors done in Udaipur Villages) थे. इससे पहले जैसे ही शव मृतक के घर पहुंचा घरों में चीख-पुकार मच गई. शव को देखते ही घर पहुंचे ही रिश्तेदारों की भी फूट-फूट कर रोने लगे. उनके परिजन और बच्चे लिपट-लिपट कर रो रहे थे.
घर हो गए तबाह: इस दौरान काकन सागवाड़ा में दो सगे भाइयों की एक साथ निकली शव यात्रा को देखकर हर किसी की आंखे नम हो गईं.कानपुर के निचला तालाब में दो मृतकों के शव को एक ही चिता पर रखकर दाह संस्कार किया गया. फुटाला गांव मे तीन चचेरे भाइयों की भी एक साथ शव यात्रा निकाली गई. इससे अलग पाछा पाडला में एक मृतक का अंतिम संस्कार किया गया. इस दर्दनाक भीषण सड़क हादसे ने कई परिवारों से उनका अकेला कमाऊ सदस्य छीन लिया. परिजनों के लिए विश्वास करना बेहद मुश्किल है कि बिहार हंसी खुशी कमाई के लिए रवाना हुए उनके अपने अब इस दुनिया में नहीं रहे.