उदयपुर.शहर में एक निजी ट्रेवल्स की बस में 7 मई को 8 करोड़ रुपए के चांदी के जखीरे को पुलिस ने पकड़ा था. लेकिन 14 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक इस चांदी का कोई वारिस सामने नहीं आया (silver worth 8 crores is recovered in Udaipur) है. इस मामले को लेकर उदयपुर पुलिस की एक टीम ने गुजरात जाकर चांदी के मामले में पड़ताल भी की, लेकिन कोई विशेष सुराग हाथ नहीं लगा. दरअसल गोवर्धन विलास थाना क्षेत्र में श्रीनाथ ट्रैवल की बस में 7 मई को 1222 किलो के चांदी के आभूषण और सिल्लियां जप्त की गई थी.
एएसआई देवीलाल ने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच के लिए अहमदाबाद जाकर श्रीनाथ ट्रेवल्स के डायरेक्टर से भी पूछताछ (1222 kg silver recovered in udaipur) की. पूछताछ के दौरान श्रीनाथ ट्रेवल्स के अधिकारियों ने बताया कि उक्त बस साईनाथ एक्सप्रेस सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कोरियर कंपनी की होने के साथ श्रीनाथ रावेर से जुड़ी हुई है. ऐसे में श्रीनाथ की इस बस में कोरियर का सामान साईनाथ कोरियर की तरफ से रखा गया था. उन्होंने बताया कि बस में केवल सवारियों के लिए ही कोरियर अटैच किए गए थे.
उदयपुर में 8 करोड़ की चांदी का नहीं मिला कोई वारिस पढ़ें: Big Action in Rajasthan : बस से 1321 किलो अवैध चांदी बरामद, वाहन में तहखाना बनाकर ले जा रहे थे तस्करी के लिए... 183 पार्सलों पर लिखे एड्रेस के लोगों से भी पूछताछ जारी:पुलिस ने बताया कि बस में जो पार्सल अलग-अलग जगाहों से आए थे. उन पार्सलों पर लिखे एड्रेस के व्यक्तियों से भी पूछताछ की जा रही है. हालांकि बस में यह पूरा चांदी का सामान अहमदाबाद से आगरा तक जा रहा था. इस मामले में जब साईनाथ बस ट्रेवल्स के मैनेजर से पूछताछ की गई तो सामने आया कि इसमें कुछ कोरियर अहमदाबाद से भी रखे गए थे. जबकि कुछ राजकोट,सूरत, मुंबई से भी आए हुए थे.
साईनाथ कोरियर ने रखे थे श्रीनाथ ट्रैवल्स की बस में कोरियर:पुलिस के अनुसार गुजरात में श्रीनाथ की बस में साई नाथ कोरियर कंपनी ने ही इन सभी पार्सलों को श्रीनाथ की बस में रखवाया था. लेकिन जब उदयपुर पुलिस ने साईनाथ कोरियर से इस चांदी के बारे में पूछताछ की तो कोई संतोष पूर्वक जवाब नहीं दे पाया. अभी तक कोरियर संचालकों ने मूल दस्तावेज नहीं पेश किए हैं. साथ ही साईनाथ कोरियर कंपनी के पास इन कोरियर रखने वालों का पूरा एड्रेस और पता भी नहीं है. गोवर्धन विलास थाना अधिकारी जेल सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर अभी जांच जारी है. विभिन्न ट्रैवल एजेंसीयों से बात कर चांदी के मालिकों की तलाश की जा रही है. ऐसे में अगर मालिक नहीं मिला तो कोर्ट के आदेश के बाद चांदी को सरकारी माल खाने में रखावा दिया जाएगा.
इस तरह गोवर्धन विलास थाना की टीम ने दिया था कार्रवाई को अंजाम:पिछले 7 मई को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि अहमदाबाद से आने वाली एक बस में लाखों रुपए की चांदी का जखीरा और सिल्लियां लाई जा रही हैं. ऐसे में टीम ने शहर के बलीचा बाईपास पर नाकाबंदी कर श्रीनाथ ट्रेवल्स की स्लीपर कोच बस को रुकवा कर बस में तलाशी ली. इस दौरान पुलिस ने 1222 किलोग्राम चांदी बरामद (1222 kg silver recovered in udaipur) की. बता दें कि पुलिस की जांच के मुताबिक यह चांदी अहमदाबाद से उदयपुर, जयपुर और यूपी के आगरा में सप्लाई होने के लिए भेजी गई थी.
एक ही बस में कैसे मिली करोड़ों की चांदी: जिस बस में उदयपुर में 8 करोड़ रुपए की चांदी मिली थी, उसके दूसरे दिन ही डूंगरपुर के बिछीवाड़ा थाने में भी उसी बस को पुलिस ने पकड़ते हुए करोड़ों रुपए की चांदी के जखीरे जब्त किए थे. हालांकि इस दौरान पुलिस का कहना था कि बस में सवारी होने की वजह से उसे जाने दिया गया. लेकिन दूसरे दिन उसी बस में बड़ी संख्या में चांदी सहित आभूषण मिले. इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई कि, एक ही बस में दोबारा से चांदी किसने रखी. इस पूरे मामले को लेकर उदयपुर श्रीनाथ ट्रेवल्स के लोगों से बात की गई तो उन्होंने इस मामले पर जानकारी देने से मना कर दिया.