उदयपुर. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा को लेकर रशियन सरकार अब गंभीर नजर आ रही है. रशियन सरकार नहीं चाहती की पुतिन की यात्रा के दौरान हितेंद्र गरासिया का परिवार को कोई गलत कदम उठाए. बता दें कि राजस्थान के उदयपुर से रशिया गए हितेंद्र की वहां मौत हो गई थी. काफी लंबे समय से हितेंद्र का परिवार शव के भारत आने का इंतजार कर रहा है.
रशियन सरकार ने उदयपुर जिले के गोड़वा गांव के निवासी हितेंद्र गरासिया (Hitendra Garasiya case) की रूस में मृत्यु होने पर आधिकारिक रूप से गहरा दुख व्यक्त किया है. 17 जुलाई 2021 से रूस में उदयपुर जिले के दिवंगत भारतीय नागरिक हितेंद्र गरासिया के शव को भारत लाने की मांग को लेकर परिजनों ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष आत्मदाह की घोषणा की थी. इसके बाद रशियन सरकार की ओर से भारत स्थित रूस के दूतावास की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आयी है. रविवार को भी इस मामले में मॉस्को से लेकर नई दिल्ली तक हलचल बनी रही. रूसी अधिकारियों ने परिजनों के सामने भी कई बार मॉस्को में अधिकारियों से दूरभाष पर बात की.
आशा देवी को सौंपा आधिकारिक पत्र...
रशियन सरकार ने हितेंद्र गरासिया की मृत्यु पर उनकी पत्नी आशा देवी के नाम पर पत्र लिखकर आधिकारिक रूप से गहरा दुख जताया है. हितेंद्र गरासिया की पत्नी आशा देवी ने 3 दिसम्बर को रूस के राष्ट्रपति पुतिन के नाम दिये ज्ञापन व यात्रा के दौरान परिजनों द्वारा विरोध प्रदर्शन की घोषणा पर रूस के काउंसलर मिनिस्टर डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने रविवार को नई दिल्ली चाणक्यपुरी स्थित रशियन दूतावास में हितेंद्र गरासिया की पत्नी आशा गरासिया को रूस सरकार की को आधिकारिक पत्र सौंपते हुए कहा कि रशियन फेडरेशन को उनके स्नेहिल पति हितेंद्र गरासिया की रूस में मृत्यु पर गहरा दुख है.
पढ़ें- राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा के दौरान आत्मदाह की चेतावनी..रशियन दूतावास ने पीड़ित परिवार को वार्ता के लिए बुलाया