जयपुर/उदयपुर. राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में चुनावी सरगर्मियों के बीच मुख्यमंत्री और अशोक गहलोत का आसमान से जमीन तक का साथ उनके विरोधियों को जरूर खल रहा होगा. खबरों में गहलोत-पायलट एक दूसरे का नाम लिये बिना तीखी टिप्पियों के जरिये छाए रहते हैं. लेकिन वल्लभनगर के दौरे पर सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सारथी के रूप में नजर आए.
एक ही विमान में उदयपुर पहुंचने के बाद हेलीपैड से सचिन पायलट ही ड्राइविंग सीट पर नजर आए, जबकि उनके बराबर की सीट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे. वल्लभनगर में हुई जनसभा में दोनों नेताओं ने कहा कि कांग्रेस एकजुट है. मुख्यमंत्री ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी में सीएम के कई दावेदार हैं. इस चुनावी सभा में गहलोत और पायलट ने जनता से आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार को रिपीट करने के लिए साथ देने की अपील की.
जनसभा को संबोधित करते मुख्यमंत्री और पूर्व उपमुख्यमंत्री क्या पिघलने लगी है सियासी बर्फ ?
राजस्थान में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच जमी हुई बर्फ पर अब कुछ पिघलने लगी है. आज पहले दोनों नेता हेलीकॉप्टर से वल्लभनगर और धरियावद में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे, तो हेलीकॉप्टर में बैठे हुए गहलोत-पायलट-माकन और डोटासरा की जो तस्वीरें सामने आईं, इनमें सभी नेता बहुत ही सहज दिखाई दिये. इसके बाद हेलीपैड से लेकर वल्लभनगर में हुई जनसभा तक सचिन पालयट मुख्यमंत्री के सारथी के रूप में नजर आए. कार की ड्राइविंग सीट पिर सचिन पायलट थे. मुख्यमंत्री उनके साथ वाली सीट पर थे. दरअसल हुआ ये कि जब हेलीपैड से वल्लभनगर जाने के लिए चारों नेता एक गाड़ी में सवार हुए तो गाड़ी की फ्रंट सीट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बैठ गए. माकन और डोटासरा पीछे की सीट पर जा बैठे. ऐसे में सचिन पायलट ने स्टेयरिंग अपने हाथों में ले लिया.
हेलीकॉप्टर में सहज दिखे गहलोत-पायलट हाथी के खाने और दिखाने के दांत अलग ?
हेलीकॉप्टर और हेलीपैड से जनसभा तक 'हम साथ-साथ हैं' का नजारा पेश करते अशोक गहलोत और सचिन पायलट के मन क्या वाकई मिल गए हैं. इस पर संदेह इसलिए जताया जा रहा है, क्योंकि वल्लभनगर में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक तीखी बात बोल दी, जिसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. सभा में गहलोत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में जो धैर्य रखता है उसे पार्टी हमेशा कुछ न कुछ देती है. माना जा रहा है कि अशोक गहलोत ने यह बात सचिन पायलट को ध्यान में रखकर कही है. इससे पहले भी दोनों नेता 15-20 साल कहीं नहीं जाने और 50 साल तक यहीं रहने का दम भर चुके हैं. तो क्या माना जाए कि हाथी दिखाने के दांत अलग हैं और खाने के अलग ?
बाइक पर सीएम को पीछे बिठा चुके हैं सचिन..
आपको याद होगा, विधानसभा चुनाव के दौरान करौली में संकल्प रैली के दौरान ट्रैफिक जाम में फंसने के बाद प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सचिन पायलट अशोक गहलोत को बाइक पर अपने पीछे बैठा कर ले जाते हुए दिखाई दिए थे. उसके बाद से यह पहली बार हुआ है कि पायलट फिर से गहलोत के सारथी बने नजर आए हैं. इसके बाद वल्लभनगर में सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कांग्रेस पार्टी के राजस्थान में एकजुट होने की बात कही.
2018 में हुए विधानसभा चुनाव की तस्वीर कांग्रेस पार्टी एकजुट - गहलोत
सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी एक जुट है. जबकि भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर लड़ाई चल रही है. इन चुनावों के नतीजों का न तो सरकार पर कोई असर होगा, न ही भाजपा पर. लेकिन इन चुनावों के नतीजे पूरे देश में एक संदेश देने का काम करेंगे, यह भी बताएंगे कि राजस्थान में सरकार अच्छा काम कर रही है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंच से सरकार रिपीट नहीं होने का दर्द भी बाहर निकाल दिया. गहलोत ने कहा कि राजस्थान में एक बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस की सरकार बन रही है. जबकि हमने पिछली बार भी बेहतरीन काम किया था, लेकिन जनता ने कभी नरेंद्र मोदी के नाम पर तो कभी दूसरे नाम पर हमें चुनाव हरवा दिया. उन्होंने जनता से आह्वान किया कि इस बार कांग्रेस की सरकार रिपीट करवा कर सरकार के कामों पर मोहर लगाएं.
जैसे बंटी बना को जिताया, प्रीती जी को जिताओ- पायलट
सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने कहा कि दुर्भाग्य से इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है, लेकिन जिस तरीके से आपने बंटी बना (गजेंद्र सिंह शक्तावत) को चुनाव जिताया था, अब प्रीति शक्तावत को भी आप चुनाव जिताओ. पायलट ने कहा कि इस जीत का संदेश पूरे देश में जाएगा कि किसान विरोधी भारतीय जनता पार्टी को राजस्थान की जनता ने नकार दिया है. कई लोग इन चुनाव में कांग्रेस के वोट कम करने के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन वल्लभनगर की जनता को प्रीति शक्तावत पर भरोसा जताना चाहिए.
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कांग्रेस प्रत्याशी प्रीति शक्तावत ने भरा नामांकन
वल्लभनगर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी प्रीति शक्तावत (Preeti Shaktawat) ने अपना नामांकन दाखिल किया. इस दौरान भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी उनके साथ मौजूद रहे. इसके बाद हुई जनसभा में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता शामिल हुए खास बात यह है. इसी सभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने जनता को संबोधित किया. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद रहे. सभा में राजस्थान सरकार के कई कैबिनेट मंत्री भी थे, जिसमें रघु शर्मा (Raghu Sharma), प्रताप सिंह खाचरियावास(Pratap Singh Khachariyawas), उदयलाल आंजना, प्रमोद जैन भाया और मेवाड़ के कई दिग्गज कांग्रेसी भी शामिल हुए.
डोटासरा-माकन ने भी किया संबोधित
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने कहा कि शक्तावत जी के चले जाने के कारण यह उपचुनाव (Rajasthan By election 2021) हो रहा है. 2008 से 2013 तक हम साथ विधायक रहे. वे जनता की आवाज उठाते थे, उन्होंने इलाके के लिए कभी कसर नहीं छोड़ी. सड़क, पानी, चिकित्सा हर क्षेत्र में हमारी सरकार ने बेहतर काम किया. कोरोना मैनेजमेंट भी इसका उदाहरण है. राजस्थान कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) ने कहा कि राजस्थान की गहलोत सरकार बेहतरीन विकास कार्य कर रही है. हम सब ने देखा है. केंद्र की मोदी सरकार के मौजूदा दौर में महंगाई से जनता त्रस्त है. पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में दोनों सीटों पर कांग्रेस को जिता कर इसे मजबूत करें.
प्रीति पर इसलिए लगाया दांव
वल्लभनगर में कांग्रेस के कद्दावर नेता गुलाब सिंह शक्तावत को पार्टी ने कई बार टिकट देकर मैदान में उतारा है. इसमें वे 6 बार विधानसभा भी पहुंचे हैं. इतना ही नहीं, गुलाब सिंह शक्तावत गृह राज्यमंत्री के पद पर भी रहे हैं. गुलाब सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र गजेंद्र सिंह शक्तावत को पार्टी ने तीन बार मैदान में उतारा जिसमें उन्हें दो बार जीत मिली. विगत महीनों में कोरोना संक्रमण के कारण उनका निधन हो गया था. ऐसे में इस सीट पर एक बार फिर से उपचुनाव हो रहा है और पार्टी ने शक्तावत परिवार पर ही भरोसा जताया. उनकी पत्नी प्रीति शक्तावत को मैदान में उतारा है. इस उम्मीद के साथ कि कांग्रेस एक बार फिर अपना सिक्का जमाने में कामयाब होगी.