उदयपुर. प्रदेश के कई जिलों में अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान तौकते के असर के कारण रात भर बारिश और आंधी का सिलसिला बुधवार सुबह तक जारी रहा. इस तूफान का असर प्रदेश के उदयपुर में भी देखा गया. जहां रात भर बारिश का दौर रुक रुक कर जारी रहा. तूफान की तेज हवाओं की वजह से कई जगह पेड़-पौधे उखड़ गए और फसलों को नुकसान हुआ. मंगलवार को दिनभर काली घटाओं और कभी हल्की तो कभी मूसलाधार बारिश के कारण दिन रात रुक-रुक कर बारिश होती रही. जिससे तापमान में भी गिरावट आई.
उदयपुर से होकर गुजरा तौकते तूफान महाराष्ट्र, गुजरात में इस तूफान की तबाही के बाद यह तूफान उदयपुर के रास्ते राजस्थान में देर रात को एंट्री कर गया. जिसकी वजह से उदयपुर संभाग के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हुई. लेक सिटी उदयपुर में भी पिछोला के कैचमेंट में बारिश का दौर बना रहने से सीसारमा नदी में 6 फिट तक बहाव शुरू हो गया.
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ऐसे में रात को करीब दो- ढाई बजे स्वरूपसागर के दो गेट एक-एक फीट तक खोलने पड़े, रात भर तेज हवाओं का दौर लगातार जारी रहा. जिसके कारण दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई. यहां तक कि दिन का तापमान 25.4 डिग्री दर्ज हुआ, तो रात का 21.6 डिग्री रहा. वहीं एकाएक बदले मौसम के मिजाज से जहां लोगों को सर्दी का दिन रात को एहसास हुआ. जिसके कारण लोगों को पंखा, कूलर भी बंद रखना पड़ा.
वहीं जिला प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी करने के बाद पूरी रात भर प्रशासन मुस्तैद नजर आया. तूफान की आपदा को देखते हुए कलेक्टर के निर्देश पर शहर सहित जिलेभर में आपातकालीन व्यवस्था से जुड़े सभी कार्यालय देर रात तक खुले रहे. खास करके खुद कलेक्टर एसपी दौरे करते रहे. तेज हवाओं से गिरे पेड़ पौधों को हटाने में नगर निगम के कर्मचारियों जुटे रहे.
मौसम विभाग के अनुसार तूफान रात 1:30 बजे उदयपुर पहुंच गया. बुधवार को भी तूफान का असर दिखाई दे रहा है. वहीं दूसरी तरफ तूफान के वेग में कमी आने से इतनी बारिश नहीं हुई. तूफान जिले के कोटडा, गोगुंदा और सायरा क्षेत्र से होकर गुजरने के कारण हाई अलर्ट घोषित किया हुआ था. तौकते की सक्रियता को देखते हुए जिला प्रशासन पूर्ण सतर्कता बरतते हुए रात भर अलग मोड पर रहा. जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने एक आदेश जारी कर आपदा से निपटने के लिए जिले के प्रमुख विभागों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए दिए थे.
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कलेक्टर ने कहा है, कि जिले के सभी चिकित्सा संस्थान एम्बुलेंस और मेडिकल टीम तैयार रखे, ताकि किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में शीघ्र निपटा जा सके. साथ ही सभी चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को 19 मई तक अलर्ट मोड पर रखा गया है. वहीं बुधवार सुबह से ही रुक रुक कर रिमझिम बारिश का दौर जिले भर में जारी है.