उदयपुर. लेक सिटी अपनी खूबसूरत झीलों, ऐतिहासिक सौन्दर्य और संस्कृति के लिए विश्व विख्यात है. उदयपुर में इन दिनों शिल्पग्राम महोत्सव की तैयारियां (Preparations for Shilpgram festival in Udaipur) जोर-शोर से चल रही हैं. पश्चिम क्षेत्र के सांस्कृतिक केंद्र की और से आयोजित होने वाले शिल्पग्राम उत्सव में इस बार कई राज्यों के कलाकार भाग लेंगे. शिल्पग्राम उत्सव 21 से 30 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा. इसे लेकर जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने उत्सव को लेकर अनुमति दे दी है. हालांकि विगत 2 वर्षों बाद शिल्पग्राम का आयोजन हो रहा है.क्योंकि कोरोना संक्रमण के कारण यह उत्सव नहीं हो पाया था.
लेकिन इस बार कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर 21 दिसंबर से 30 दिसंबर तक होने वाले कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में शर्तों के साथ शिल्पग्राम उत्सव की अनुमति दी है. इसी अनुमति के साथ शिल्पग्राम में भी उत्सव की तैयारियां देखने को मिल रही है. जगह-जगह लिपाई पुताई चालू हो चुकी है. झोपड़ियों की मरम्मत हो रही है.साथ में ही नए मांडने बनाए जा रहे हैं.मेले में सजने वाले स्टाल की भी मरम्मत होने लग गई है. इस बार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दो चरणों में होंगी.तथा शिल्पग्राम में विस्तार सहित काफी जगह अलग-अलग स्टाल लगेंगे. हर रोज यहां 7 से 8 हजार लोगों के आने का अनुमान लगाया जा रहा है.
Shilpgram festival in Udaipur: शिल्पग्राम महोत्सव में बिखरेगा कला और संस्कृति का रंग, 21 से 30 दिसंबर तक होगा आयोजन...तैयारी तेज - rajasthan latest news
उदयपुर में 21 से 31 दिसंबर तक शिल्पग्राम महोत्सव (Preparations for Shilpgram festival in Udaipur) का आयोजन होने जा रहा है. इसे लेकर तैयारियां तेज कर दी गईं हैं. महोत्सव कई राज्यों के कलाकार भाग लेंगे और अपनी कला का जादू बिखेरेंगे. कोरोना महामारी के कारण 2 वर्षों बाद शिल्पग्राम का आयोजन हो रहा है.
महोत्सव में लोक रंगों के साथ लोक डिशेज की भी खासी डिमांड रहती है. इसमें मेवाड़ की मक्का की राब, दाल बाटी, गुजरात के ढोकला खांडवी और थकेला के अलावा महाराष्ट्र के माकन वाडी,हैदराबाद की बिरयानी और पंजाब के छोले कुलछे फेमस है.इनके अलावा दूध जलेबी जैसे उत्पादों की भी खासी मांग रहती है. इस बार कलेक्टर ने कोरोना गाइड लाइन के अनुसार मंजूरी दी. मेले में देश भर से 23 राज्यों के कलाकार अपनी कला का मंचन करते हैं.
हर साल 23 राज्यों के कलाकार अपनी संस्कृति और कला को शिल्पग्राम में बिखेरते हैं. इसमें राजस्थान, मणिपुर, मिजोरम, असम,त्रिपुरा, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल,आंध्र प्रदेश तेलंगाना, कर्नाटक, झारखंड और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जम्मू कश्मीर आदि राज्यों के कलाकार आते हैं. इस महोत्सव में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां तो चरणों में आयोजित की जाएंगी अथवा स्थगित भी की जा सकती हैं. वैक्सीनेशन करा चुके लोगों को ही कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी.
शिल्पग्राम में इस साल सहित लगभग 10 से 12 बीघा क्षेत्रफल दर्शकों के लिए उपलब्ध है. जिनमें कुल 7000 से 8000 लोगों को प्रतिदिन शामिल किया जा सकता है. जिला कलेक्टर की ओर से जारी किए आदेश के अनुसार आयोजकों की ओर से भीड़ नियंत्रण के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड नियुक्त किए जाएंगे.