राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / city

Javelin Throw Day : शत्रुओं पर कहर बनकर टूटता था राणा का भाला...उदयपुर के म्यूजियम में आज भी है सुरक्षित

राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस 7 अगस्त को आज पहली बार मनाया जा रहा है. भाला शौर्य और शक्ति का प्रतीक माना जाता रहा है. ऐसे में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप का भाला (maharana pratap javelin) तो अपने आप में इतिहास के एक पूरे काल को दर्शाता है. कहा जाता है कि राणा प्रताप जब भी अपने घोड़े चेतक पर सवार होकर निकलते थे उनका भाला साथ रहता था.आज भी उदयपुर के सिटी पैलेस म्यूजियम में वह ऐतिहासिक भाला संभालकर रखा गया है. पढ़ें पूरी खबर

history of maharana pratap
शिरोमणि महाराणा प्रताप

By

Published : Aug 7, 2022, 6:03 AM IST

Updated : Aug 7, 2022, 9:17 AM IST

उदयपुर. देश भर में 7 अगस्त को पहली बार राष्ट्रीय भाला फेंक दिवस मनाया जा रहा है. वर्ष 2021 में 7 अगस्त को ही नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था. ऐसे में अब प्रति वर्ष 7 अगस्त को नेशनल जैवलिन थ्रो डे मनाने का निर्णय लिया गया है. जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में इस बार भी कॉमन वेल्थ खेल प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा ने अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए फिर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है.

आज देश भर भाला फेंक दिवस मनाया जा रहा है, लेकिन आपको बता दें कि भाला वर्षों से शौर्य और शक्ति का प्रतीक माना जाता रहा है. देश के कई बड़े योद्धाओं की पहचान उनके भाले से ही होती थी. ऐसे में भाला दिवस पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के भाले (maharana pratap javelin) का जिक्र न हो तो बात अधूरी रह जाती है. महाराणा प्रताप ने हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की सेना को अपने भाले से ही छठी का दूध याद दिला दिया था.

राणा प्रताप का भाला...

पढ़ें.Maharana Pratap Jayanti 2022: हिंदुआणा सूरज की जयंती आज, राणा के रण कौशल की दूसरी नहीं कोई मिसाल

इसी भाले से अकबर से लिया था लोहा
प्रताप के अस्त्र-शस्त्र में सबसे मुख्य उनका भाला ही था जिससे वह शत्रुओं ले लोहा लेते थे. महाराणा प्रताप का भाला आज भी उदयपुर के सिटी पैलेस म्यूजियम में रखा हुआ है. भूपेंद्र सिंह महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन प्रबंधक ने बताया कि हल्दीघाटी के इस ऐतिहासिक युद्ध में महाराणा प्रताप ने अकबर को मात दी. इस युद्ध में उनके भाले ने एक योद्धा की तरह उनका साथ दिया. प्रताप के भाले का वजन 2 किलो 900 ग्राम था और उसी के साथ उन्होंने अकबर को शिकस्त दी थी. प्रताप के भाले की लंबाई 7 फुट 10 इंच है. प्रताप के भाले पर सोने-चांदी के आभूषण लगे हुए हैं जिससे इसकी दिव्यता देखते ही बनती है.

शिरोमणि महाराणा प्रताप के भाले की विशेषता...

प्रताप ने अपने भाले से हाथी पर बैठे मानसिंह पर प्रहार..
हल्दीघाटी के युद्ध में मान सिंह मुगल सेना का नेतृत्व कर रहा था. इस दौरान चेतक पर बैठे प्रताप ने अपना घोड़ा मानसिंह की तरफ युद्ध में दौड़ा दिया. प्रताप का तेजतर्राक औऱ फुर्तीले घोड़ा चेतक अपने दोनों पांव पर खड़ा हो गया औऱ अपने आगे के दोनों पैर हाथी पर के मस्तक पर रख दिए. प्रताप ने अपने भाले से मानसिंह पर वार किया. मानसिंह डरता हुआ हाथी के हादी दुबक गया.प्रताप का भाला मानसिंह की जगह हाथी के महावत को लग गया. प्रताप युद्ध में अपने भाले का प्रयोग करीब 20 से 30 मीटर की दूरी से भी उनका भला शत्रु का नाश करता था. प्रताप भाला चलाने में इतने निपुण थे कि उनका निशाना कभी भी चूकता नहीं था.

पढ़ें.गोल्ड मेडल जीतने के बाद नीरज चोपड़ा के पिता ने कहा-उम्मीदों पर खरा उतरा

सिटी पैलेस की सिटी पैलेस के म्यूजियम में रखा है प्रताप का भाला...
1969 में प्रताप के भाले को सिटी पैलेस की म्यूजियम में प्रदर्शित किया गया था. तब के तत्कालीन महाराणा भगवत सिंह भाले को म्यूजियम में रखवाया था. इस म्यूजियम में महाराणा प्रताप के सभी अस्त्र-शस्त्र रखे हैं. राणा प्रताप के अस्त्र-शस्त्र का कुल वजन 35 किलो है जिसमें उनकी ढाल, भाला, जरी बखतर, दो तलवारें, तीर कमान रखे हुए हैं. हालांकि प्रताप के भाले के वजन को लेकर अलग-अलग इतिहासकारों की भिन्न राय भी देखने को मिलती है. कुछ लोग इसे साढ़े 4 किलो तो कुछ तीन या दो किलो वजन का होना भी बताते हैं. वहीं सिटी पैलेस के अधिकारियों के अनुसार इस भाले का वजन 2 किलो 900 ग्राम है.

महाराणा प्रताप के अस्त्र-शस्त्र

...इसलिए मनाया जाता है भाला दिवस
नीरज चोपड़ा ने 7 अगस्त को टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक देश की झोली में डाला था. तब भारतीय एथलेटिक्स महासंघ इस दिन को राष्ट्रीय भाला बैंक दिवस के रूप में मनाना घोषित किया गया.

Last Updated : Aug 7, 2022, 9:17 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details