उदयपुर.राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा सोमवार को अचानक उदयपुर कलेक्ट्रेट पहुंच गए. उनके साथ आदिवासी ग्रामीण इलाकों की महिलाएं भी थी. जिनके साथ किरोड़ी मीणा कलेक्टर के चैंबर पहुंचे. कलेक्टर से आदिवासी महिलाओं को लेकर चर्चा के बाद मीणा कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए (Kirodi Meena on tribal Girls Abduction). हालांकि, मीणा ने रात को प्रशासन से सहमति बनने के बाद धरना समाप्त कर दिया.
राज्य सभा सांसद की उदयपुर के प्रशासन के अधिकारियों के साथ तीसरी बार की वार्तालाप सफलतापूर्वक रही. जिसके बाद मीणा ने धरना समाप्त करने की घोषणा की है. उदयपुर जिला कलेक्टर कार्यालय में आयोजित वार्ता में कलेक्टर ताराचंद मीणा, एसपी मनोज चौधरी और आला अधिकारी मौजूद रहे. आदिवासी किशोरियों को आर्थिक सहायता और एक-एक मकान दिलाने के आश्वासन पर मीणा ने धरना समाप्त किया. मीणा ने कहा कि मैंने सरकार और प्रशासन से यही मांग की थी कि थानागाजी की तर्ज पर इन आदिवासी महिलाओं को सहायता की जाए.
अब प्रशासन से सहमति बनी है. इनको उसी तर्ज पर 5 लाख रुपए और एक- एक मकान पीड़ित को दी जाए. नौकरी इसलिए नहीं दी कि इनमें से कोई पढ़ी-लिखी नहीं है. आज टोटल 8 मामले सामने आए थे. जिनमें से 4 मामलों में एफआईआर दर्ज हुई. ऐसे में युवतियों को आर्थिक सहायता दी जाएगी. आर्थिक सहायता देने के लिए 5 दिन का मीणा ने प्रशासन को समय दिया गया है.
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सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कलेक्टर ताराचंद मीणा से मुलाकात करने पहुंचे थे. मीणा ने कहा कि आदिवासी इलाकों में जबरदस्त गरीबी भुखमरी और बेरोजगारी है. ऐसे में आदिवासी क्षेत्र राजस्थान के युवक-युवती मजदूरी करने के लिए भारी संख्या में गुजरात में जाते हैं. इसी दौरान युवतियों के साथ दरिंदगी, अत्याचार दमन शोषण का सिलसिला देखने को मिल रहा है. मीणा ने कहा कि पूरे मामले को लेकर आज से 2 महीने पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अवगत कराया था. आदिवासी क्षेत्र में करीब हजार 1200 युवतियां ऐसे दलालों के जाल में फंस गई हैं (exploitation of tribal girls Rajasthan) जिनका वर्तमान में निकल पाना बड़ा मुश्किल है. इस पूरे मामले को लेकर पुलिस को सक्रिय करने के लिए कहा गया था.
राज्यसभा सांसद ने कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन से इस विषय को लेकर मुलाकात की थी. मेरे साथ में उस समय कुछ युवतियां भी मौजूद थी लेकिन अभी तक इस पूरे मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब मैं करीब 10 युवतियों को लेकर कलेक्टर से मिलने पहुंचा हूं. इसमें कुछ युवतियां ऐसी है, जिन्हें गुजरात में जबरन रखा गया. इनमें से कुछ को अवैध संताने भी पैदा हो गई. ऐसे में भारी संख्या में बच्चियों की जिंदगी बर्बाद हो रही है.
मीणा ने कहा कि मामलों में सरकारी प्रावधान के अनुसार सहायता भी नहीं मिलती है. मीणा ने कहा कि थानागाजी केस के तर्ज पर उदयपुर के आदिवासी बालिकाओं गांव को मदद नहीं मिलने की स्थिति में आंदोलन किया जाएगा. (Meena demand CBI probe in tribal abduction). उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की थी.