उदयपुर. भाजपा के कद्दावर राजनेता और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का एक बयान (Kataria controversial statement) इन दिनों सोशल मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है. कटारिया ने एक कार्यक्रम में रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि रावण ने माता सीता का हरण कर ऐसा कोई बड़ा पाप नहीं (Ravana did not commit any crime by kidnapping Sita) किया था. अब इस पूरे बयान को लेकर कटारिया के प्रतिद्वंद्वी उन्हें घेरने पर तुल गए हैं. कटारिया प्रतिद्वंद्वी में से एक पूर्व विधायक रणधीर सिंह भिंडर ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर की है.
दरअसल नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पिछले दिनों बड़ी सादड़ी में हुए एक कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे. यहां मंच से उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रामायण काल का जिक्र किया. कटारिया ने कहा कि रावण ने कोई बहुत बड़ा पाप नहीं किया था जो सीता माता का हरण किया. उसने कभी भी सीता को कलंकित नहीं किया. रावण सीता माता को लेकर जरूर चला गया लेकिन जब तक माता सीता ने उन्हें छूने की स्वीकृति नहीं दी, तब तक उसने साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया. इस पूरे मामले को लेकर वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भिंडर ने एक वीडियो जारी कर आपत्ति जताई है.
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नेता प्रतिपक्ष गुलाब चन्द कटारिया ने बोहेड़ा के एक कार्यक्रम में फिर ऐसा कुछ कह दिया जिससे विवाद शुरू हो गया है. कटारिया ने कहा कि रावण ने सीता का अपहरण कर कोई बहुत बड़ा गुनाह नहीं किया था. क्योंकि उसने उनके साथ कभी अभद्र व्यवहार नहीं किया. कभी उन्हें छुआ तक नहीं. उन्होंने कहा कि रावण बहुत सैद्धांतिक व्यक्ति था. उसने कोई बहुत बड़ा जुर्म नहीं किया सीता जी का अपहरण करके क्योंकि यह तो एक आम बात थी. अगर वह उनसे अभद्र व्यवहार करता तो बड़ी बात थी.
पूर्व विधायक रणधीर सिंह भिंडर ने कटारिया के इस बयान पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि कटारिया का मानना है कि किसी की पत्नी का अपहरण कर लो पर छुओ मत तो कोई गुनाह नहीं है. जब वो कहते हैं कि रावण ने कोई गुनाह नहीं किया तो वे सम्पूर्ण रामायण को ही ग़लत साबित कर रहे हैं. जबकि भगवान राम का अवतरण ही राक्षस रावण और उसकी प्रवित्तियों को समाप्त करने के लिए ही हुआ था. ऐसा लगता है कटारिया रावण के ही अनुयायी हैं तभी तो भगवान राम, महाराणा प्रताप और हमारे इतिहास को कोसते रहते हैं.आदमी की बातें ही उसका चरित्र और बैकग्राउंड बताता है. अब हमें समझ में आने लगा है कि वे हिन्दु या मेवाड़ी नहीं श्रीलंका से आये हैं. उन्हें वहीं भेज देना चाहिए ताकि अपने आदर्श पुरुष रावण से मिल सकें.