उदयपुर.राजस्थान के उदयपुर में हुए बहुचर्चित कन्हैयालाल हत्याकांड (Kanhaiyalal Murder Case) का मामला सोमवार को फिर सुर्खियों में आया है. इस हत्याकांड के मुख्य चश्मदीद गवाह राजकुमार शर्मा को ब्रेन हेमरेज हो गया. राज्य सरकार की ओर से डॉक्टर की विशेष टीम उदयपुर भेजी गई है जहां एमबी अस्पताल में उनका ऑपरेशन किया जा रहा है. इस बीच राजकुमार शर्मा की पत्नी का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि इस वारदात के बाद से ही राजकुमार सदमे में चल रहे थे.
राजकुमार शर्मा की पत्नी पुष्पा शर्मा (Rajkumar sharma wife statement on husband health) ने बताया कि उदयपुर हत्याकांड के बाद पिछले कुछ महीने से उनके पति तनाव में थे. तीन महीने बाद बेटी की शादी होनी है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से प्राइवेट नौकरी तो लगवाई गई, लेकिन बहुत कम वेतन था. उन्हें इस पूरी वारदात का मुख्य गवाह बनाया गया, लेकिन पिछले 3 महीने में हमारे परिवार पर क्या बीती वह सिर्फ हम ही समझ सकते हैं.
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मानसिक तानव से बिगड़ी हालत
पुष्पा शर्मा ने बताया कि इस हत्याकांड से पहले राजकुमार को किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी, लेकिन वारदात के बाद से उन्हें इतना मानसिक तनाव हो गया कि उनकी हालत बिगड़ती चली गई और ब्रेन हेमरेज हो गया. डॉक्टरों के लाख प्रयासों के बाद भी हालत बिगड़ती गई. उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से मामले के बाद से उन्हें सुरक्षा मिली हुई थी, लेकिन उससे हमारा पेट नहीं भरता.
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बेटी की शादी की चिंता सता रही थी
सरकार की ओर से उन्हें चश्मदीद गवाह बनाने से पहले राजकुमार हमारे पति और बच्चोंं के पिता भी हैं. ऐसे में वर्तमान हालातों में सिर्फ वह गवाह बन कर रह गए, एक पिता और पति नहीं बन पाए. क्योंकि जिस तरह से वह कड़े परिश्रम और मेहनत करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे वह अब नहीं कर पा रहे थे. उनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारियां थीं. इस वारदात के 6 महीने बाद हमारी बेटी की शादी होनी थी. इन हालातों में बेटी की शादी कैसे होगी यही सोचकर वह अंदर ही अंदर परेशान रहते थे.
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सरकार से मदद की मांग
राजकुमार की पत्नी ने कहा (eyewitness Rajkumar Sharma wife demands) कि हम कन्हैयालाल को न्याय दिला रहे हैं, लेकिन सरकार को हमारी भी मदद करनी चाहिए. जिस तरह से और लोगों को सरकार ने नौकरी और आर्थिक सहायता कर मदद की है हमारी भी करनी चाहिए. सरकार को हमारे बच्चों को भी सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता देनी चाहिए.
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राजकुमार शर्मा मृतक कन्हैयालाल साहू की दुकान पर काम करते थे. 28 जून को दिन दिनदहाड़े कन्हैया लाल साहू की हत्या के दौरान राजकुमार और ईश्वर दोनों वहां मौजूद थे. कन्हैयालाल हत्याकांड मामले में यह दोनों चश्मदीद गवाह हैं. इस हत्याकांड के दौरान राजकुमार पर भी हत्यारों ने वार किया था. लेकिन वे बच गए और ईश्वर को सिर पर चोट आई थी. वह कन्हैयालाल की दुकान पर काम करने के साथ ही रात को ऑनलाइन फूड डिलेवरी का काम भी करते थे. इस घटना के बाद से वे आर्थिक तंगी से भी परेशान रहने लगे थे. इनके एक बेटा और बेटी है. कमाई का कोई जरिया नहीं होने के कारण वे काफी परेशान थे. हालांकि जिला प्रशासन ने उनकी प्राइवेट नौकरी लगाई थी, लेकिन वेतन कम होने से गुजारा होना मुश्किल हो रहा था.