उदयपुर/चित्तौड़गढ़. देश दुनिया में अपनी खूबसूरती के मशहूर लेक सिटी उदयपुर में इन दिनों मौसम खुशनुमा बना हुआ है. ऐसे में देशी-विदेशी सैलानी के साथ ही बड़े नेता भी झीलों की नगरी को निखारने के लिए पहुंच रहे हैं. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सपरिवार उदयपुर की चार दिन की यात्रा पर हैं, उन्होंने आज चित्तौड़गढ़ दुर्ग का विजिट किया.
सोरेन के साथ उनके परिवार के सदस्य भी उदयपुर और चित्तौड़गढ़ के पर्यटन का आनंद लेने आए हैं. जानकारी के अनुसार उनकी पत्नी बच्चे और परिवार के अन्य उदयपुर पहुंचे हैं. ऐसे में चाक-चौबंद सुरक्षा के बीच वे आज चित्तौड़गढ़ पहुंचे. जहां उन्होंने चित्तौड़ दुर्ग विजिट किया. दिवसीय प्रवास पर मुख्यमंत्री सोरेन अन्य कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे. साथ ही झीलों की नगरी उदयपुर में भी वे पर्यटन केंद्रों का विजिट करेंगे.
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परिवार के साथ देखा चित्तौड़गढ़ दुर्ग
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चित्तौड़गढ़ दुर्ग का भ्रमण किया. अपने पूरे परिवार के साथ उन्होंने दुर्ग के ऐतिहासिक स्थलों को देखा. इस दौरान दुर्ग के आस-पास सुरक्षा के बंदोबस्त रहे. सोरेन आज सड़क मार्ग से उदयपुर से चित्तौड़गढ़ पहुंचे थे. वे सीधे चित्तौड़ दुर्ग चले गए. जहां जिला कलक्टर ताराचंद मीणा और पुलिस अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने सोरेन की अगवानी की. इसके बाद सोरेन परिवार ने कुंभामहल का भ्रमण किया और ऐतिहासिक महत्व की जानकारी ली.
यहां कुंभामहल के द्वार पर मीडिया से मुखातिब होते हुए सोरेन ने कहा कि भारत का इतिहास गौरवशाली है. इस इतिहास को सहेजने और अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर है, जो बलिदान शौर्य और गौरव का प्रतीक है. इस विरासत को देखने के लिए वे पहली बार चित्तौड़गढ़ आए हैं, और पूरे परिवार के साथ हैं.
झारखंड में शिबू सोरेन की ओर से चलाए गए आदिवासी कल्याण आंदोलन को लेकर पूछे गए सवाल के बारे में उन्होंने कहा कि आंदोलन के परिणाम सबके सामने हैं और संसद से आंकड़ों की पुष्टि की जा सकती है. सोरेन परिवार ने चित्तौड़ दुर्ग के कुंभामहल, कालिका माता मंदिर, विजय स्तंभ, पद्मिनी महल सहित विभिन्न दर्शनीय स्थलों का निरीक्षण किया और गाइड के माध्यम से इस ऐतिहासिक विरासत के इतिहास के बारे में जानकारी ली. सोरेन परिवार ने जौहर स्थल पहुंचकर वीरांगनाओं को नमन किया.
किसी फिल्म के प्रभाव में आकर नहीं आया
जब सोरेन से पूछा गया कि क्या फिल्म पद्मावत देखने के बाद उन्हें चित्तौड़ दुर्ग देखने की ललक हुई, तो उन्होंने कहा कि मैं किसी फिल्म या अन्य चीज के प्रभाव से यहां नहीं आया हूं, बल्कि हमारे पुरखे जो छोड़ गए, उसी विरासत को देखने की ललक मुझे यहां खींच लाई.