उदयपुर. राजस्थान के उदयपुर में 1 जुलाई को परंपरागत हर्षोल्लास के साथ निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा. रथ यात्रा को लेकर प्रशासन ने यात्रा के आयोजकों व प्रबुद्ध जनों की बैठक ली. इस दौरान बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जंगा श्रीनिवास ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण गत 2 वर्षों तक जगन्नाथ रथ यात्रा आयोजित नहीं किया जा सका था. अब हमारे सामने महामारी नहीं है तो इसे पूरी श्रद्धा और भावनाओं के साथ पूरे उत्साह से आयोजित करें. लेकिन हम सभी यह देखें कि शहर में कर्फ्यू के हालातों के बीच पूर्ण अनुशासन के साथ इसका आयोजन हो, साथ ही कानून एवं शांति-व्यवस्था बनी रहे.
बैठक के दौरान अवगत कराया गया कि श्रीधर समिति की ओर से उदयपुर शहर में शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ स्वामी की रथ यात्रा का आयोजन (God Jagannath Procession) किया जाएगा. उदयपुर शहर के वर्तमान हालातों को देखते हुए जिला प्रशासन ने रथ यात्रा के मार्ग पर कर्फ्यू में ढील देने की घोषणा की और बताया कि शहर के शेष स्थानों पर यथावत कर्फ्यू लगा रहेगा. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से विशेष सर्तकता बरतने के साथ ही निर्धारित रूट पर पर्याप्त जाब्ता लगाया जाएगा. वहीं, ड्रोन से निगरानी व्यवस्था भी की जा रही है.
दिनेश एमएन ने क्या कहा... इन विषयों पर हुई चर्चा : राज्य में डीजे पर प्रतिबंध के कारण इस रथ यात्रा में सर्वसम्मति से चार बैंड की अनुमति (Lord Jagannath Rath Yatra in Udaipur) प्रदान की गई. वहीं, रथ यात्रा से अलग-अलग समाज द्वारा विभिन्न प्रकार की 15 झांकियां निकाली जाएगी. इसी प्रकार आयोजकों के आधार पर विभिन्न 15 स्थानों पर श्रद्धालु आरती करेंगे.
पढ़ें :Lord Mahavir Rath yatra in Karauli : धूमधाम के साथ निकली भगवान महावीर की रथ यात्रा, देश के अलग-अलग हिस्सों से पहुंचे श्रद्धालु
2 साल बाद उदयपुर भ्रमण पर निकलेंगे भगवान जगन्नाथ : राजस्थान के उदयपुर में 1 जुलाई को जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर रथ यात्रा निकाली जाएगी. कोरोना के कारण 2 साल बाद भगवान जगन्नाथ नगर भ्रमण पर निकलेंगे. इस दिव्य और भव्य रथ यात्रा को लेकर पहले से ही तैयारियां दुरुस्त की जा चुकी थी. पिछले 25 सालों से भगवान जगदीश को रथ में सवार करा कर भ्रमण कराने की परंपरा निभाई जा रही है. देश-दुनिया से बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी भी इस रथ यात्रा में शामिल होते हैं. वहीं, इस बार भगवान जगदीश की रथ यात्रा के लिए विशेष रथ का निर्माण किया गया है. इस दिव्य रथ को बनाने में करीब 2 साल का वक्त लगा. कोरोना के कालखंड में भी इस रथ को बनाने का काम जारी था. 28 खंडों को मिलाकर रथ का निर्माण किया गया है. इसमें 90 किलो चांदी का प्रयोग किया गया है.
प्रशासन ने यात्रा के आयोजकों व प्रबुद्ध जनों के साथ की बैठक... भगवान इस अलौकिक रथ पर सवार होंगे : उड़ीसा के जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर उदयपुर में भी रथ यात्रा निकाली जाती है. इस बार इस रथ यात्रा के लिए विशाल रथ तैयार किया गया है. दो साल से श्रीधर समिति के कार्यकर्ता लगातार इस रथ को बनाने के काम में जुटे हुए थे. रथ समिति के अध्यक्ष राजेंद्र श्रीमाली ने बताया कि रजत रथ में करीब 90 किलो चांदी चढ़ाई गई है. रथ को अत्याधुनिक तकनीक से बनाया गया है. रथ की लंबाई 8 फिट और ऊंचाई 21 फीट रखी गई है. रथ के पहियों को 6 इंच अंदर लिया गया है. वहीं, रथ में लगे घोड़े के स्वरूप को भी चेंज किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन आसानी से हो सके. यह रथ सागवान की लकड़ी से निर्मित है. इसके ऊपर 90 किलो चांदी की परत चढ़ाई गई है.
पढ़ें :Jagannath Yatra In Udaipur: 2 साल बाद उदयपुर भ्रमण पर निकलेंगे जगन्नाथ, चांदी जड़े रथ में सवार होंगे भगवान
400 साल पुरानी है परंपरा : भगवान जगदीश की रथ यात्रा की यह परंपरा करीब 400 वर्ष पुरानी है. मंदिर स्थापना के साथ शुरू इस रथ यात्रा की परंपरा आज भी बखूबी जारी है. पहले जहां मंदिर परिसर में ही भगवान की रथ यात्रा का आयोजन होता था, लेकिन दो दशकों से रथ यात्रा का भव्य स्वरूप दिया गया है. ऐसे में रथ यात्रा शहर कोट के अंदर शाही ठाठ बाट के साथ निकाली जाती है. जिसमें अलग-अलग समाजों के लोग भगवान किस रथ यात्रा में शामिल होते हैं. जगदीश चौक से प्रारंभ होकर रथ यात्रा शहर के अलग-अलग भागों से होती हुई गुजरती है.
रथ यात्रा को लेकर बैठक : रथ यात्रा को लेकर गुरुवार को हुई बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जंगा श्रीनिवास व दिनेश एमएन (Dinesh MN on Rath Yatra), संभागीय आयुक्त राजेंद्र भट्ट, डीआईजी राजेंद्र गोयल, आईजी हिंगलाज दान के अलावा अन्य अधिकारी प्रबुद्ध जनों के साथ रथ यात्रा मार्ग और गतिविधियों के संबंध में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया.