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कांग्रेस के 'एक परिवार एक टिकट' फॉर्मूला के साथ ही इसकी चाबी भी तैयार, पढ़िए कैसे बड़े नेता रहेंगे दायरे से दूर!

Congress Nav Sankalp Shivir: अक्सर 'परिवारवाद' के आरोपों का सामना करने वाली कांग्रेस पार्टी अब 'एक परिवार, एक टिकट' फॉर्मूला बनाने पर विचार कर रही है. हालांकि, इस प्रस्ताव को सहमति मिलने की स्थिति में इसके साथ यह प्रावधान भी होगा कि एक परिवार के किसी दूसरे सदस्य को टिकट तभी मिलेगा, जब वह पार्टी के लिए कम से कम पांच साल तक काम करे. इस दायरे से बड़े नेता कैसे दूर रहेंगे, यहां जानिए...

Congress one family one ticket formula
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Published : May 13, 2022, 5:28 PM IST

उदयपुर.कांग्रेस के नव संकल्प शिविर (Congress Nav Sankalp Shivir) के जरिए पार्टी अपने संगठन में आमूलचूल बदलाव की तैयारी कर रही है. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी अब 'एक परिवार-एक टिकट' का फार्मूला लागू करने पर विचार कर रही है. यानी कि कांग्रेस पार्टी में अब एक परिवार में एक ही टिकट मिलेगा. लेकिन यह निर्णय लेने के साथ ही कांग्रेस पार्टी ने इस निर्णय की चाबी भी तैयार कर दी है.

वहीं, एक परिवार से दूसरा व्यक्ति उस स्थिति में टिकट का हकदार माना जा सकता है जब वह 5 साल से पार्टी की सेवा कर रहा हो. ऐसे में साफ है कि इसका फायदा बड़े नेता आसानी से उठाएंगे क्योंकि जिस परिवार में किसी पार्टी का विधायक, मंत्री या मुख्यमंत्री होता है उस परिवार के बाकी सदस्य पहले से ही उस पार्टी में जुड़े होते हैं. ऐसे में यह फार्मूला भले ही कुछ लोगों पर असर डाले लेकिन ज्यादातर लोग इससे प्रभावित नहीं होंगे. अब से पार्टी के विधायक, मंत्री और बड़े नेता पहले ही अपने परिवार के सदस्यों को पार्टी के साथ जोड़ भी लेंगे और उन्हें कोई न कोई पद भी दिलवा देंगे. ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि क्या 'एक परिवार एक टिकट' के जरिए परिवारवाद को कांग्रेस खत्म कर पाएगी कांग्रेस?

'एक परिवार एक टिकट' फॉर्मूला

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इससे गांधी परिवार को फायदा: कांग्रेस पार्टी ने अपने संगठन में सुधार के लिए पार्टी संगठन में काम करने वाले लोगों के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड का फार्मूला भी तैयार करने जा रही है. इस फॉर्मूले के तहत कांग्रेस के किसी भी नेता को 5 साल से ज्यादा किसी एक पद पर न रखा जाए, इसे लेकर फार्मूला तैयार किया जा रहा है. अगर संगठन में 5 साल से ज्यादा किसी व्यक्ति को उसी पद पर काम करना है तो दो कार्यकाल के बीच तीन साल का कूलिंग पीरियड होना चाहिए. ऐसे में चाहे कांग्रेस महासचिव हो उपाध्यक्ष हो या फिर प्रदेश या जिले में छोटे से बड़ा कोई भी पदाधिकारी.

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अगर 5 साल से ज्यादा किसी को एक पद पर रहना है तो उसके लिए उसे बीच में 3 साल के लिए ब्रेक लेना होगा. लेकिन यह फार्मूला राष्ट्रीय अध्यक्ष पर लागू नहीं होगा क्योंकि राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के जरिए बनाया जाएगा. ऐसे में यह फार्मूला राष्ट्रीय अध्यक्ष पर लागू नहीं होगा. लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कूलिंग पीरियड से राष्ट्रीय अध्यक्ष को दूर रखने का फार्मूला गांधी परिवार को इस फार्मूले से दूर रखने के लिए रखा गया है. वैसे भी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे राहुल गांधी अगर अब फिर से पार्टी के अध्यक्ष बनते हैं तो उन्हें वैसे भी कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि जुलाई में राहुल गांधी को पद छोड़े 3 साल पूरे हो जाएंगे. यह एक तरह से उनका कूलिंग पीरियड पूरा हो जाएगा.

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