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भाजपा की खिलाफत पड़ी भारी, दो खेमों में बंटी दिखी उदयपुर कांग्रेस

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे की गुटबाजी अब सड़क पर भी जगजाहिर हो रही है. उदयपुर में नगर निगम के खिलाफ दिए गए धरना-प्रदर्शन में आज कांग्रेस का ही एक गुट शामिल नहीं हुआ, जिसको लेकर अब सियासी हलचल तेज हो गई है.

udaipur news, उदयपुर कांग्रेस में गुटबाजी

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Published : Sep 16, 2019, 11:23 PM IST

उदयपुर.कांग्रेस की गुटबाजी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. सोमवार को नगर निगम की कार्यशैली के खिलाफ दो दिवसीय धरने की कांग्रेस द्वारा शुरुआत की गई, लेकिन इस धरने में कांग्रेसी नेता ही शामिल नहीं हुए. बता दें कि शहर कांग्रेस द्वारा नगर निगम के खिलाफ में इस प्रदर्शन को रखा गया था, लेकिन इस प्रदर्शन में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष ही शामिल नहीं हुए.

प्रदर्शन के दौरान उदयपुर कांग्रेस में गुटबाजी

वहीं, उदयपुर के दो ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष भी आज के विरोध-प्रदर्शन से नदारद दिखे. धरने में डॉ. गिरिजा व्यास के होने के बावजूद कुछ पदाधिकारियों को छोड़कर ज्यादातर दिखाई नहीं दिए. प्रमुख पदाधिकारियों ने सूचना नहीं मिलने और कुछ लोगों के आपस में ही कार्यक्रम तय करने के कारण धरने में शामिल नहीं होने का कारण बताया गया.

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बता दें कि शहर कांग्रेस कमेटी की बात की जाए तो 126 में से 35 पदाधिकारी भी धरने में शामिल नहीं हुए. वहीं दूसरी ओर उदयपुर के कई बड़े नेता सोमवार को कमलेश्वर महादेव प्रसादी कार्यक्रम में शामिल हुए. पूर्व सांसद और सीडबल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे.

आपको बता दें कि उदयपुर कांग्रेस दो गुटों में बंटी हुई है. जिनमें एक गुट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खेमे का माना जाता है, जिसकी अगुवाई रघुवीर मीणा करते हैं. जबकि दूसरा गुट उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे का माना जाता है, जिसकी अगुवाई पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिजा व्यास करती हैं. ऐसे में आज रघुवीर मीणा के गुट ने कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन से पूरी तरह दूरी बना ली और कांग्रेस का विरोध-प्रदर्शन कांग्रेस के लिए ही परेशानी का कारण बनता नजर आया.

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